- 259 Posts
- 3 Comments
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्वाचन क्षेत्र रहा गोरखपुर एवं उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का लोकसभा क्षेत्र फूलपुर, इलाहाबाद का उपचुनाव का परिणाम वाकई भाजपाई घर को तात्कालिक हिलाने में सफल साबित हुए है। भाजपा के इस मजबूत घर की नींव को मात्र 2 सीटों के परिणाम ने एक तरह से झकझोर दिया की भाजपा गहन चिंतन के लिए विवश हो गयी। मतदाताओं के द्वारा दिया गया यह झटका दोनों नेतायों के लिए किसी आश्चर्य से कम नहीं था क्योकि इन दोनों नेतायों को बिल्कुल ही आशा नही थी कि ऐसा भी परिणाम आ सकता है जो हमारे आशा के विपरीत हो। यह परिणाम वास्तविक रूप से भाजपा के प्रबंधकीय दल को समझने और इस पर गहन चिंतन करने की आवश्यकता है। — सबसे बड़ी बात यह है कि अगले वर्ष ही लोकसभा के आम चुनाव भी होने है और अगर यही स्थिति रही तो यह भारतीय जनता पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है, हालांकि यह उपचुनाव जब हुआ था तो इसके मत प्रतिशत बहुत कुछ कह रहे थे। कम मत प्रतिशत का होना ही खतरे की घन्टी बन गयी थी , इस चुनाव में भाजपा के हारने के प्रमुख कारण सबसे बड़ा यही था कि भाजपा के वोट बहुत ही कम मात्रा में पड़े जिससे कि वोट प्रतिशत घट गया और वह हार का कारण बना। दूसरा सबसे बड़ा कारण यह था कि जब साइकिल पर हाथी ने सवारी का मन बना लिया तो फिर सभी समीकरण यही बदल गए, क्योकि कितना भी कोई कुछ कर ले लेकिन जहां प्रदेशीय स्तर के दोनों दल सपा और बसपा एक जुट हो जाये तो भाजपा के लिए मुश्किल जरूर खड़ा कर सकते है, लेकिन भाजपा को अगर प्रधानमंत्री अपना बनाना है तो उसको हर हाल में इस हार को गम्भीरता से लेना पड़ेगा क्योंकि पीएम का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही निकलता है। *****************************************नीरज कुमार पाठक आईसीएआई नोएडा
Read Comments