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चाहे देश का कोई भी सच्चा नागरिक हो या फिर सेना का अधिकारी वह अपने राष्ट्र का कभी भी अहित नहीं सोचेगा एवं देश की सुरक्षा हर हालत में करने की कोशिश करेगा। इसी लीक पर चलते हुए हमारे देश के सेना प्रमुख विपिन रावत ने अपना बयान दिया है। सेना प्रमुख का सिर्फ इतना कहना था कि जिस तेजी से असम में बदरुद्दीन अजमल की पार्टी एआईयूडीएफ ने अपनी राजनीतिक पहचान बहुत कम समय में बनाया है उतनी तेजी से देश की राष्ट्रीय पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने भी नहीं बनाया। सेना प्रमुख के इस बयान पर देश के कुछ राजनीतिक लोग हो-हल्ला करना शुरू कर दिया,इस बयान को राजनीतिक बयान के तौर पर देखा जाने लगा, जबकि यह बयान कहीं से भी राजनीतिक नहीं लगता क्योंकि सेना प्रमुख का असली मकसद था देश की सुरक्षा में लगाये जा रहे सेंध की, जिसमें हमारे पड़ोसी देश लगे पड़े है।पड़ोसी देशों की सिर्फ एक मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा बांग्लादेशी लोगों का घुसपैठ कराया जाय जिससे कि एक वर्ग विशेष का वर्चस्व हो जाये और फिर वहां पाक का गुणगान करने वाले ज्यादा हो जाये जिससे कि हम अपने देश में मिला लें। यह पड़ोसी देशों की बहुत ही दूरदर्शी प्लान है जो भारत की सुरक्षा के लिए बेहद घातक साबित हो सकती है लेकिन हमारे देश में कुछ लोगों को सेना प्रमुख की बात समझ में नही आई और वह केवल वोट की राजनीति करने में ही व्यस्त रहना चाहते है उनको देश की सुरक्षा से कोई लेना देना नहीं होता,ये देश के लिए भी चिंता का विषय है कि भारत के लोग रोहिंग्या मुसलमान को भारत से हटाने की बात पर ही हंगामा करने लगते है। इनका मकसद सिर्फ वोट की राजनीति चमकाना होता है और इनको किसी से कोई भी हमदर्दी नहीं होती, जबकि सीधी बात यह है कि जो हमारे देश का निवासी ही नहीं है उसको हम क्यों रहने दे। हमारे अपने ही देश में सबके पास न तो मकान है और न ही करने को भोजन, फिर हम दूसरे को कैसे रख सकते है? अब अगर किसी को न रखा जाय तो इसको भी मुद्दा बना दिया जाता है, लेकिन वोट की राजनीति ने राजनेतायो को इतना अंधा बना दिया है कि कोई इस समस्या पर सोचने को ही तैयार नहीं है की घुसपैठ कहीं से भी अच्छा नहीं है इस देश के लिए। जो देश की सुरक्षा के लिए सोच रहा है उस पर भी राजनेता लोग भृकुटि ताने बैठे है और इस मामले पर विवाद पैदा कर देते है, आखिर इन घुसपैठियों से इतना लगाव क्यों हो गया है यह समझने वाली बात है। *****************************************नीरज कुमार पाठक आइसीएआइ नोएडा
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