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आज शिक्षा के सही रूप का माफ़िया के लोगों ने ऐसा माफिया करण कर दिया है कि लोगों का शिक्षा में विश्वास घटने लगा है, इन माफियाओं के कारण ही आज ज्यादातर लोग नकल पर निर्भर हो गए हैं और इसका ये हो गया कि पढ़ने वालों की संख्या में कमी हो गयी, इस कारण से छात्र पढ़ने में कम ध्यान दे रहे हैं।
आज के समय मे मास्टर डिग्री लेने वाले भी ऐसा बोल देते हैं कि उनके डिग्री पर ही सवालिया निशान लग जाता है, क्योकिं ये उनके डिग्री के अनुकूल नहीं होती है। आज इसी नकल के कारण ही लोग शिक्षा की गुणवत्ता का ध्यान नहीं रख पाते जबकि देश की नीव अगर मजबूत रखनी है तो इसके लिए शिक्षा का मज़बूत होना बहुत ही आवश्यक है। अगर देश की शिक्षा का स्तर ऐसे ही गिरता रहा तो फिर एक मजबूत देश की कल्पना करना बहुत ही मुश्किल लगता है।
आज के समय में देश की शिक्षा का स्तर वैसे भी बहुत बढ़िया नहीं है, उसमें भी अगर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद पर निगाह डाला जाय तो इसमें यह तो साफ देखा जा सकता कि शिक्षा का स्तर कितना नीचे चल रहा है, जिसका अनुमान हम इसी बात से लगा सकते हैं कि बोर्ड परीक्षाओं में अब तक लाखों लोग परीक्षा को छोड़ अपनी असमर्थता व्यक्त कर चुके हैं।
अब अगर ये लोग पढ़ाई किये होते तो शायद इनको ये दिन नहीं देखना पड़ता, लेकिन ये लोग शिक्षा में माफियाओं की बढ़ती सहभागिता से बिल्कुल आश्वस्त थे। इनको इस बात का अंदाजा भी नहीं था कि ये सरकार इतनी कड़ाई कर सकती है। शिक्षा में जो माफियाओं के द्वारा इसका माफियाकरण कर दिया गया दिया गया है, इससे भी शिक्षा की गुणवत्ता काफी हद तक गिर गयी है।
आज शिक्षा लेने वाले और शिक्षा देने वाले लोगों के कार्यक्षमता में भी काफी हद तक गिरावट आ रही है, कारण नकल के सहारे पड़े रहना। नकल की वजह से बच्चों के अंदर ये भावना घर बना लेती है कि नकल तो होगी ही जिसके कारण वे साल भर पढ़ाई से दूरी बना कर रखते हैं और जब नकल नहीं हुई तो फिर उनकी बुद्धि फेल हो जाती है। इसलिये शिक्षा से अगर माफियाओं का बोलबाला खत्म करना है तो उनको शिक्षा से दूर रखना पड़ेगा तभी एक मज़बूत भारत की नींव रखी जा सकती है, नहीं तो कोई मतलब ही नही बनता कि भारत विश्व में विश्वगुरु बन सके।
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