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सम्पूर्ण विश्व में इस समय पाकिस्तान को लेकर सबके सामने एक ही प्रश्न है जो सबको परेशान कर रहा है और वह है कि क्या पाकिस्तान के लिए नववर्ष अच्छा नहीं जाने वाला ? क्योकिं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जिस तरह का रुख अख्तियार किया है उससे तो यही लगता कि पाक के अब बुरे दिन शुरू होने में देर नहीं है। ट्रंप ने जिस तरह से पाकिस्तान को 1 जनवरी से ही घुड़की देना शुरू कर दिया है,तभी से पाकिस्तान के होश उड़े हुए है उसके समझ में ही नही आ रहा है कि अब क्या किया जाय, क्योकिं अगर अमेरिका सभी प्रकार की सहायता से अपने हाथ खड़े कर देता है तो पाकिस्तान के लिए बहुत ही महंगा पड़ेगा। पाक की आर्थिक स्थिति बेहद खराब चल रही है वो तो अमेरिकी मदद के कारण ही भारत को आंख दिखाता है। ऐसे स्थिति में जब अमेरिकी मदद के 12668 करोड़ की सप्लाई अगर रुक गयी तो पाकिस्तान की ऐंठन काफी हद तक ढीली पड़ जाएगी। अब पाकिस्तान के पास सिर्फ दो रास्ते बचे है या तो वह अमेरिका के द्वारा मांगे गए 27 आतंकियों की लिस्ट पर कार्रवाई करें या फिर अमेरिका की कार्रवाई को झेलने के लिए तैयार रहे, इसमें भी कार्रवाई किस तरह की होगी ये तो डोनाल्ड ट्रंप की बताएंगे, लेकिन इतना तो सच है कि ट्रंप के केवल फटकार से ही पूरे पाकिस्तान की हालत खराब हो गयी गई है। वहां की जनता और सरकार दोनों की हालत सही नहीं है उनको सिर्फ ये ही डर सता रहा है कि आखिर अमेरिका से कैसे निपटा जाय। अगर भारतीय दृष्टिकोण से देखा जाय तो ये बहुत ही अच्छा कदम होगा ,अगर अमेरिकी दबाव में पाक ने तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की, क्योंकि पाक पोषित ये आतंकी समूह भारत और अफगानिस्तान दोंनो के लिए परेशानी का पर्याय बन चुके है जिसको ध्वस्त करना पाकिस्तान की नैतिक जिम्मेदारी बनती है। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
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