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भारतीय सेना का वीर सपूत लेफ्टिनेंट उमर फैयाज को आतंकियों ने जिस प्रकार से पहले अपहरण किया उसके बाद उनकी निर्ममता से हत्या की यह केवल भारतीय सेना के लिए ही नही अपितु पूरे मानव समाज के लिए यह बहुत बड़ी शर्मिंदगी की बात है, आश्चर्य की बात ये है कि आतंकियों ने उस समय फैयाज को निशाना बनाया जब वह निहत्था थे और ऐसे निहत्थे जवान को निशाना बनाना कितना गलत है, अगर आतंकियों में जरा भी पौरुष होता तो शायद वे ऐसी घटना को अंजाम नही देते, लेकिन उनकी कायरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वे निहत्थे लोगो को ही निशाना बनाते है।समस्या इस बात का है कि आतंकी भी अल्लाह की इबारत करते है और कुछ घटनाओं में ये भी देखा गया है कि आतंकी लोग घटना को अंजाम देने के बाद अल्लाह का नाम लेते हुए फरार हो जाते है, जबकि अल्लाह ने कभी यह नही कहा कि निर्दोष व्यक्ति का कत्ल करो,उनको पीड़ा पहुँचायों। लेकिन आतंकी फिर भी खून -खराबा करते रहते है, और निर्दोषो का कत्ल करते रहते है। उनको मानवीय क्षति पहुँचाने में कितनी सुख प्राप्त होता है यह तो फिलहाल वही बता सकते है। इस घटना के बाद सबसे दुखद बात यह थी कि उमर फैयाज की शव यात्रा में भी कुछ पत्थरबाजों ने पत्थर बरसाए। कश्मीर के लोग न जाने कब सुधरेंगे, क्योकि वे जिस प्रकार से हमारे सैनिको पर पत्थर से हमला करते है। यह बहुत ही शर्मनाक बात है कि एक भारत का ही नागरिक भारत की सेना के ऊपर पत्थर बरसाते है, यह वही जवान है जिनके कारण ही कश्मीरी जनता चैन की नींद लेती है और बाढ़, बारिश, भूकम्प , आदि से भी इन लोगो को यही सेना बचाती भी है, लेकिन उसके बावजूद भी इन पत्थरबाजो को ये कतई नही दिखता, कि हमको सेना के साथ क्या और कैसे व्यवहार करना चाहिये। सेना के इस बहादुर बेटो को आतंकियों ने छल से मार कर अपने को बहुत गौरवान्वित हो रहे होंगे लेकिन यह काम एक कायरपूर्ण घटना है जिसको कभी भी माफ नही किया जा सकता है और यह अक्षम्य कायरता है जिसको इन आतंकियों को माफ नही किया जा सकता है, और इस घटना पर पूरा देश एक स्वर में निंदा करता है। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोयडा
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