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असली मायने मे आरक्षण की जरूरत उन लोगो को है जो आर्थिक रूप से कमजोर है। आर्थिक रूप से पिछड़े लोगो को आरक्षण मिलने से उन परिवारो को सहूलियत मिलेगी जो बिल्कुल गरीब तबके के है , आरक्षण का असली हकदार वही है। आरक्षण जिसके लिए बनाया गया उसको तो मिलता ही नही। बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का आरक्षण लागू करने का मूल उददेश्य यही था की जो निम्न जीवन जी रहे है उनको ऊपर उठाना । इसी को सोच कर बाबा साहब ने दस साल के लिये आरक्षण लागू किया था।लेकिन अब जो रास्ता बन गया उसको बन्द करना किसी भी सरकार के लिये आसान नही है। क्योकि जो भी सरकार आरक्षण बन्द करने का नाम लेगी उसको विपक्ष वाले जीना हराम कर देगे। इसलिये आरक्षण तो शाश्वत हो गया है,इसको कोई खत्म नही कर सकता है,लेकिन आरक्षण इस प्रकार से नही होना चाहिये। आरक्षण या तो होना नही चाहिये या फिर आर्थिक आधार पर हो। आरक्षण का लाभ उनको नही मिलना चाहिये जो सुविधापूर्ण जिंदगी जी रहे है।इसका भी एक पैमाना होना चाहिए की इतने वेतन से लेकर इतने वेतन तक को आरक्षण मिलेगा ।जिस परिवार मे दो लाख से भी ऊपर की महीने की आय है उसको आरक्षण किस बात का दिया जाता है ,ऐसे लोगो को आरक्षण क्यो दिया जाता है। आरक्षण उनको नही मिलता जिसका वेतन दस-पन्द्रह हजार महीने का है। आरक्षण के नियम मे कितनी असमानता है कि एक आरक्षण वाला आदमी अगर एक लाख रुपये महीने कमा रहा है।तो वह आरक्षण का अधिकारी है,लेकिन आरक्षण रहित आदमी अगर दस हजार वेतन पा रहा है तो उसको आरक्षण का लाभ नही मिलता ।ये जो आरक्षण का अंतर है वो समझ से परे है।इतना ही नही अगर कोई वेकेन्सी निकलती है तो एक लाख वेतन पाने वाले व्यक्ति (आरक्षणधारक )का लड़का अगर फॉर्म भरेगा तो उसको 250/-रुपये पोस्टल आर्डर के देने पड़ेंगे। वही अगर दस हजार वेतन पाने वाले व्यक्ति का लड़का (आरक्षणविहीन) है उसको 750/-रुपये देने पड़ते है। अब इस दस हजार रुपये की सेलरी पाने वाले ब्यक्ति को डबल मार पड़ेगा।एक तो उस ब्यक्ति की वेतन कम ,दूसरे उसको पोस्टल आर्डर भी महंगा पड़ेगा। आरक्षण से उन लोगो का बहुत ही नुकसान होता है जो आर्थिक रूप से गरीब है। लेकिन हमारे देश की दिक्कत यही हैकि उन गरीबो तक आरक्षण नही पहुचता है जहा असली जरूरत है अगर आरक्षण पहुचता है तो उन रसूखदारों के पास जहा पर पहले से ही रामराज्य चल रहा है।। गुजरात की मुख्यमंत्री आनंदी बेंन पटेल ने इस दिशा मे अच्छा काम किया जो 10%आरक्षण आर्थिक आधार पर दिया। यही काम हर सरकार को करना चाहिए। क्योकि हर राज्य मे गरीब बसते है जिनको आरक्षण की सख्त जरूरत है। ——————————————————————————————-नीरज कुमार पाठक ——————-आई.सी.ए.आई भवन सी-1 सेक्टर -1 नोयडा 201301
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