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घोटालो का भारत या भारत का घोटाला

Indian
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इस बदलते परिवेश मे मनुष्य इस प्रकार से भौतिक संसाधनों के पीछे पड़ गया है कि उसको अपने नैतिक मूल्यों का गला घोटने मे समय नही लगता। इंसान एक दूसरे के प्रतिस्पर्धा के चक्कर मे ऐसा पिसता जा रहा है, कि वह अपना पारिवारिक संस्कार को भी ताख पर रख दिया है। मनुष्य की पैसे की भूख कम होने का नाम नही ले रही है,लोगो मे जो एक दूसरे को पीछे छोड़ने की होड़ लग रही है। जनता का यही होड़ भारत को घोटालो की तरफ धकेल रहा है। इस देश मे न जाने कितने घोटाले हुये ,जिसमे यूरिया,चीनी,बोफोर्स,ताबूत ,टू जी,थ्रीजी,कोयला और हेलीकाप्टर घोटाला आदि न जाने और कितने अनजाने घोटालो की भरमार है और ये कब से होते आ रहे है। लेकिन मनुष्य की बेईमानी को कोई भी बाबा,कोई भी मंत्र हिला नही सके,कि वह ईमानदारी के रास्ते पर चल सके। अगर जो आदमी जितना भी घोटाला कर रहा है उतना ही आगे जा रहा है। आगे जाने के चक्कर मे आदमी ये भी नही देख रहा है कि नीचे कौन गिरा पड़ा है।उसको किसी के नीचे रहने से मतलब नही है उसको तो आगे जाना है चाहे किसी के सिर पर पैर भले पड़ जाये। पैसे मे आदमी इतना अंधा हो गया है कि उसको ये भी नही दिखता कि किस आदमी का खून चूस कर मैं अपनी अलमारी भर रहा हू। उसको किसी से क्या मतलब चाहे आदमी कितना ही गरीब क्यो न हो। घोटालेबाजो को पैसे से मतलब होता है। इस समय भारत मे धन कुबेरों की बरसात हो रही है। इसमे भी मध्य प्रदेश मे तो धन कुबेरों के लिये तो बादल फटने की तरह है।मध्य प्रदेश की हालत ये है कि वहाँ पर थोक मे घोटाले बाज मिलेगे जो अकूत सम्पति बना लेते है।इसमे अब सोचने वाली बात ये है कि एक छोटी सी नौकरी
वाला कैसे अरबो मे खेलने लगता है।भारत मे इतना घोटाला हो रहा है इन घोटालो की जांच मे भी घोटाला आ रहा है। सबसे दिक्कत की बात तो ये है कि अगर 300 करोड़ का घोटाला हुआ तो उस 300 करोड़ के घोटाले की जांच करने मे 200 करोड़ खर्च हो जायेगे।उस जांच करने मे भी घोटाला हो जाता है।जांच के नाम पर जिस ब्यक्ति को चुना जाता है या जो टीम जांच के लिये बनाई जाती है उस ब्यक्ति को भी खरीद लिया जाता है जो जांच करने के लिए नियुक्त किया जाता है,कहने का मतलब घोटाले पर घोटाला। कहने का मतलब ये है कि हमारे देश मे इतने घोटाले हो रहे है कि भारत को घोटालो का देश भी कह सकते है,और इसी प्रकार से अगर घोटाले होते रहे तो वह दिन दूर नही जब भारत का भी लोग घोटाला कर देगे। इन घोटालेबाजो का वश चले तो भारत को भी बेच देगे। ————————————————————————————————नीरज कुमार पाठक ———– द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेटऑफ इंडिया सी-1 सेक्टर-1 नोयडा 201301 ———————————————————————- ———————————————————————-

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