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भारत, अफगानिस्तान और अमेरिका इन तीनों की बढ़ती दोस्ती को लेकर पाकिस्तान का चिढ़ना जायज है क्योंकि एक समय पाक का अमेरिका अच्छा दोस्त था लेकिन जब से अमेरिका का भारत से दोस्ती बढ़ी है तब से पाक परेशान है और इसी परेशानी के कारण वह हतोत्साहित भी हो रहा है । पाक के लिये यह चिंता का विषय है और इसी चिंता के प्रतिफल के कारण वह भारतीय सीमा पर लगातार सीजफायर का उलंघ्घन कर रहा है दूसरी तरफ अफगानिस्तान को भी शांति से जीने नहीं दे रहा है। अफगानिस्तान में आये दिन बम- बिस्फोट करवाना फिलहाल ,निर्दोष लोगों को मारना फिलहाल इसी तरफ इशारा कर रहे है। हाल ही जिस प्रकार से काबुल के अंदर आत्मघाती हमला करके सैकड़ो लोगों की जान ले ली गयी यह बेहद शर्मनाक बात है लेकिन बेशर्म पाकिस्तान को इससे कुछ भी लेना नहीं है। उसका काम सिर्फ आतंक को बढ़ावा देना ही परम धर्म है और उसकी यही राजनीतिक खेती भी है। पाक की अपने पड़ोसियों के साथ सम्बंध बेहद खतरनाक स्थिति में है यह ऐसा पड़ोसी है जिससे सभी लोग परेशान रहते है, यहां तक कि जिस देश ने इसको पाला है वह उसकी भी नहीं सुनता, यही कारण है कि अमेरिका से इसकी दूरी बढ़ती जा रही है क्योंकि अमेरिका इसको बार-बार आतंकवादियों को खत्म करने की बात कर रहा है लेकिन पाकिस्तान उसकी सुनने को तैयार नहीं होता। पाकिस्तान समर्थित हक्कानी नेटवर्क ने अफगानिस्तान में निरंतर बिस्फोट करवाना पाकिस्तान का बहुत ही घटिया कदम है। यह ऐसा देश है जो मानवता के नाम पर कलंक है इसको इतनी भी शर्म नही आती है कि जो निर्दोष है, बेगुनाह है उसको क्यों मौत के मुंह में धकेला जाएं,लेकिन इतनी घटिया करतूत की जो लोग जिंदगी जीना चाहते है उनको भी यह देश जीने नहीं देता। अब सबसे बड़ा सवाल आज के समय में यही है कि अगर पाकिस्तान इसी प्रकार से मानवता का हत्या करता रहा तो आने वाला कल कितना भयावह होगा,यह पूरे विश्व को सोचने पर मजबूर कर देगा कि हम सबने पाकिस्तान को पहले क्यों नहीं रोका, लेकिन तब तक काफी देर हो जाएगी। इसलिए अगर मानवीय जीवन को कायम रखना है तो पाकिस्तान की आतंकी नीति को खत्म करना ही पड़ेगा। *****************************************नीरज कुमार पाठक आईसीएआई नोएडा
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