- 259 Posts
- 3 Comments
बाबा राम-रहीम को सजा सुनाने के बाद भड़की हिंसा और पलक झपकते ही कई राज्यों को अपने चपेट में लेना यह प्रशासन के वादों का पोल खोलने के लिए पर्याप्त सबूत है और यह नाकामी एक राज्य के प्रशासन की गलती नहीं बल्कि यह हर राज्यों के प्रशासन के दावों का पोल खोलने के लिए काफी है।जिस तरह से सरकार सीबीआइ कोर्ट के फैसले के पहले बड़े -बड़े वादे कर रही थी कि सुरक्षा के इंतजाम पूरे है कहीं से भी कोई समस्या नहीं आने दी जाएगी , लेकिन जब फैसला आया तो सब तैयारी मिनट में ही टांय-टांय फिस्स हो गयी और बाबा के गुंडों ने भी जो करना चाहा वह जमकर किया और पुलिस भी किंकर्तव्यविमूढ़ बनी देखती रही, प्रशासन भी हाथ पर हाथ धरे बैठा रह गया, गुंडई की हद तो तब हो गयी जब मीडिया को भी नही छोड़ा गया, मीडियाकर्मियों को मारा-पीटा गया और उनके वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। यह प्रशासन की बहुत बड़ी लापरवाही है जो हिंसा को रोकने में नाकाम रही।सबसे बड़ा सवाल ये है कि सरकार ने जब पूरे प्रदेश में धारा 144 लगा रखी है तो फिर इतने भारी संख्या में लोग इकट्ठा कैसे हो गये? यह एक बड़ा सवाल है हरियाणा सरकार के लिए। सरकार ने लापरवाही बरती और उसका परिणाम ये हुआ कि भीड़ तंत्र को इकठ्ठा होने का मौका मिल गया और ये भीड़ आगजनी करने में सफल रही जिससे जान- माल दोनों का ही भारी पैमाने पर नुकसान हुआ, इतने नुकसान के बाद कोई भी आसानी से कह सकता है कि खट्टर सरकार पूर्णतया फेल रही हिंसा को रोकने में, इसलिए इनको नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।लेकिन आज इस बदलते भारत की तस्वीर बहुत ही खतरनाक है जो एक अपराधी के लिये इतने भारी पैमाने पर हिंसा की गई , यह मूर्खता की चरम सीमा है इस भारत पर एक कलंक भी जो इतने भारी संख्या में लोग एक बलात्कारी का साथ दे रहे है।यह मानव समाज के लिए बहुत ही घृणित कार्यवाही है जिसकी जितनी निंदा की जाय कम है।जब एक अपराधी को कार्यवाही के लिए ले जा रहे थे तो उसके समर्थकों का इकठ्ठा होना ही बहुत बड़ा गुनाह है।राम-रहीम को चूंकि काफी प्रसिद्धि प्राप्त थी इस वजह से ही कई राजनीतिक पार्टी के लोग नहीं चाहते थे कि इस पर कोई कार्यवाही हो, इसलिए ये बचता रहा और अपने अनैतिकता को बढ़ाता गया जिसके कारण राम रहीम का जनता के ऊपर पकड़ बहुत अच्छी हो गयी थी, बाबा के प्यार में अंधे भक्तों को बाबा का कुकर्म बिल्कुल दिखाई नहीं पड़ता था जिसके कारण लोग उसके ऊपर आंख बंद करके विश्वास करते थे,यही कारण रहा जो उसके भक्तों ने ताबड़तोड़ घटना को अंजाम दिया परन्तु सरकार ने इनके ऊपर कड़ी कार्रवाई न करके यह तो सिद्ध कर दिया कि यह कार्यवाही बिल्कुल राजनीति से प्रेरित है। *****************************************नीरज कुमार पाठक नोएडा
Read Comments