Menu
blogid : 2711 postid : 651337

तरुण तेजपाल के लिए फांसी की मांग क्यों नहीं ?

chandravilla
chandravilla
  • 307 Posts
  • 13083 Comments

img1131121087_2_1वाह वाह क्या बात है तरुण तेजपाल महोदय.आप तो हमारे सत्ताधीशों के भी पितामह निकले .खुद ही संगीन जुर्म में लिप्त होना  ,फिर डंके की चोट पर उसको स्वीकारना और नीर-क्षीर विवेकी निर्णायक बनकर  भी खुद  अपने मन की अदालत में तय करके फैसला सुना देना  और  वो भी दंड नहीं अपितु  पुरस्कार ” मैं 6 महीने काम नहीं करूंगा पत्रकारिता से दूर रहूँगा”

सारी दुनिया में अपने झूठे -सच्चे,प्रायोजित   स्टिंग आपरेशंस से तहलका मचा कर आप ये भूल ही गये कि आपका अपना चरित्र  कितना घिनौना है.

क्या विचित्र हास्यास्पद वृत्तांत ——– अब आप 6  माह पूर्णतया आराम के मूड में है .आप जानते हैं खाली दिमाग क्या होता है शैतान का घर .आप तो काम में व्यस्त रहते हुए भी इतने बड़े मक्कार,शैतान,झूठे,बलात्कारी हैं  और जब दिमाग खाली होगा तो  क्या गुल खिलाएगा आपका दिमाग , सहज ही कल्पना की जा सकती है. किसी माँ,बहिन,पुत्री समान लडकी या महिला को बर्बाद करने के लिए अभी तो संभवतः पत्रकारिता जैसे कार्य में कुछ समय देने के कारण कम समय मिलता है ,फिर तो  आप  आज़ाद हैं  पूर्णतया, देश-विदेश में  कहीं भी स्वछन्द हो कर अपने दुष्कृत्यों को पूर्ण करने के लिए  – और बेरोकटोक अनैतिक कृत्यों के लिए .

जिन कुख्यात कहूं या विख्यात तरुण तेजपाल के संदर्भ में बात हो रही है चलिए उनका इतिहास जान लेते है जरा………………..
मशहूर पत्रकार और तहलका के एडिटर इन चीफ तरुण तेजपाल पर साथी पत्रकार के यौन उत्पीड़न का सनसनीखेज आरोप लगा है.ये महोदय कोई छोटी हस्ती नहीं अपितु  ,महान हस्ती हैं जो ऐसे क्षेत्र से  लगभग 28  वर्ष से जुड़े  हैं,जो बखिया उधेड़ने में माहिर होते हैं.लेकिन बखिया उधेड़ने का काम एक निर्भीक और निष्पक्ष पत्रकार के रूप में नहीं शायद बिकाऊ बनकर करते हैं.

तरुण तेजपाल एक  जग विख्यात  नाम बन चुका है, जिन्होंने इण्डिया टुडे से अपने पत्रकारिता में अपने करियर का श्रीगणेश किया,तदोपरांत इन्डियन एक्सप्रेस ,और आऊटलुक से जुड़े रहे ,उपन्यास लेखक भी बने और पत्रकारिता में लगभग तीन दशक से सक्रिय हैं. .

आपरेशन  वेस्ट एंड से जार्ज फर्नांडीज ,को त्यागपत्र देने को विवश करने वाले,समता  पार्टी की जया जेटली आदि पर अंगुलियाँ उठाकर उनका राजनैतिक करियर समाप्त करवाने वाले,क्रिकेट में फिक्सिंग के नाम पर मनोज प्रभाकर आदि खिलाड़ियों पर आजीवन प्रतिबन्ध लगवाने के लिए उत्तरदायी ,बंगारू लक्ष्मण को  चंदे के मामले में जेल भिजवाने वाले , दयानिधि मारन का  भ्रष्टाचार सामन लाने वाले ,गुजरात   दंगों में हिन्दू संगठनों को स्टिंग आपरेशन के माध्यम से आरोपी सिद्ध करवाने वाले आदि आदि ………(यद्यपि बाद में वो सब झूठ निकला) तरुण तेजपाल अपने दुष्कृत्य के लिए दंडस्वरूप   बस आनन्द अवकाश (प्लैजर लीव )लेना चाहते हैं.

भ्रष्टाचार ,साम्प्रदायिकता ,रिश्वतखोरी ,क्रिकेट फिक्सिंग बहुत बड़े अपराध हैं ,निश्चित रूप से यदि आरोप राजनीति से प्रेरित नहीं और सही है तो जो दंड मिले हैं, आवश्यक हैं ,परन्तु किसी नारी का अपमान वो भी बलात्कार जैसा मसला ! और उसके लिए दंड बस कार्य से विरत रहना! क्या  तरुण तेजपाल की दृष्टि में बलात्कार  कोई  अपराध है ही नहीं .जिस अपराध पर   देश भर में  अपराधी को प्राणदंड की मांग की जाती है ,और तरुण तेजपाल पर पूर्व में भी  आरोपी रहे हैं बलात्कार के लिए.  दंड के नाम पर मजाक ! तरुण तेजपाल इस देश के क़ानून से ऊपर हैं या ऐसी क्या   अहमियत रखते हैं कि मीडिया, सरकार ,प्रमुख संगठन मुख सिल कर बैठे हैं और .यहाँ तो अपराध भी स्वतः प्रमाणित है तो  फिर  प्राणदंड की मांग क्यों नहीं ?

आश्चर्य तो है मुझको तहलका की प्रबंध संपादिका सोमा  चौधरी के बयान पर जो कहती हैं कि ये आंतरिक मामला है और उन्होंने माफी मांग ली है अतः उनको अगले छह माह के लिए सम्पादक के पद से अलग रखा जाएगा. यदि उनके स्वयम के साथ या उनके किसी परिजन के साथ ऐसा हो तो क्या उनके लिए ये विषय इतना ही हल्का रहेगा ? बलात्कार  के बाद माफी मांग लेना पर्याप्त है उनकी दृष्टि में ?

केवल सोमा  चौधरी ही नहीं कुछ अन्य महिला नेत्री   नफीसा अली सदृश , क्या तरुण तेजपाल से भयभीत हैं जो उनके मुख से  अब भी उनके विरोध में नहीं समर्थन में ही शब्द निकल रहे हैं. शब्द नहीं निकल रहे हैं. राजनीति में स्वार्थ इतना हावी है कि एक अपराधी के द्वारा स्वयम बलात्कार का अपराधी होना स्वीकार करने पर भी उसके विरुद्ध किसी दंड की मांग नहीं की जा रही है ?

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh