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मनमोहन जी को विशिष्ठ अंतर्राष्ट्रीय शांति,सज्जनता पुरस्कार.jagranjunction forum

chandravilla
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रात एक सुखद स्वप्न देखा,स्वप्न था हमारे प्रधानमन्त्री डॉ मनमोहन जी को एक अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार मिला है,आश्चर्य उस पुरस्कार के लिए सम्पूर्ण विश्व से एक ही नाम सर्वसम्मति से प्रस्तावित हुआ ,हमारे माननीय प्रधानमन्त्री सरदार मनमोहन सिंह का .सारे देश में उल्लास का वातावरण मैं भी बहुत खुश हो रही थी स्वप्न में, कि हमारे प्रधानमन्त्री जी को इतना बड़ा अकल्पनीय पुरस्कार मिल रहा है. ,विशेष रूप से सरकारी खेमे में लड्डू बंट रहे हैं,सोनिया जी का गर्वोन्नत मस्तक,सरदारनी गुरशरण जी द्वारा आयोजित भव्य पार्टी,विश्व के कोने कोने से मिलने वाली बधाईयाँ.और न जाने क्या क्या…..
नींद टूटी तो दिमागी अश्व निरंतर दौड़ते रहे और फिर समझ आया कि इसमें अद्भुत क्या है?आज नहीं तो कल ये वास्तविकता में ही बदलना है पुरस्कार प्राप्त करने के लिए समस्त वांछित गुण उनमें हैं,अर्थशास्त्री हैं,विद्वान् हैं और अग्रांकित गुणों के भण्डार हैं,.जो काम महात्मा गाँधी हिन्दू-मुस्लिम एकता के नाम पर अपने प्राण गँवा देने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी न कर सके,वो काम हमारे पी.एम् साहब केवल अपनी मनमोहनी मुस्कान के साथ “य़ेस मेडम ” कहते कर दिखाएंगें.
जो प्रधानमंत्री(स्वयं साफ़ छवि) अपने इर्द गिर्द भ्रष्टाचारियों की मण्डली से घिरे हों यारों के ऐसे यार हों ,,,इतने शरीफ हों कि भले ही अपनी पाक साफ़ छवि पंकिल हो जाय पर भ्रष्टाचारियों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं करते , उनके माथे पर शिकन नहीं आती.कभी किसी से न कोई नाराजगी, न गिला शिकवा बस दो ही शब्द शब्दकोश में हैं “य़ेस मेडम” ऐसे सकारात्मक छवि वाले प्रधानमन्त्री ही तो सुपात्र हैं राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय सभी शांति,सज्जनता के नाम पर मिलने वाले पुरस्कारों के.
1सदा शान्ति चाहने वाले हमारे प्रधानमन्त्री जी तो सदा “अतिथि देवो भव” के सिद्धांत में अटूट आस्था रखते हैं जिन पड़ोसी देशों को भारत फूटी आँख नहीं सुहाता उनके तथाकथित सुल्तानों को अपने देश में बुलाने के बहाने पलक पांवड़े बिछाये रहते हैं.खूंखार आतंकवादियों को वी.वी आई पी की तरह से सालों सालों मेहमान की तरह से रखते हैं.काश्मीर में आतंकियों के खिलाफ कडा कदम उठाकर उनको दुःख नहीं पहुंचाना चाहते.,वो तो बेचारे गिलानी महोदय के साथ वार्ता करते समय मुम्बई हमले के आरोपी आतंकवादियों को भी क्षमा कर देने वाले थे कि देशवासियों के हो हल्ले के कारण ऐसा न कर सके. आखिर .क्षमाशीलता उनका आभूषण है.
! ” अहिंसा परमो धर्मः के पोषक प्रधानमन्त्री जी की उदारता की जितनी प्रशंसा की जाय कम है.”i पड़ोसी कितना ही धोखा कर दें,अपने आतंकवादी सिपहसालार भेज भेज कर निर्दोष देशवासियों के रक्त से होली खेलते रहें,नकली करेंसी के माध्यम से हमारी अर्थव्यवस्था को खोखला करते रहें संसद पर हमला करने का दु:साहस कर लें, परन्तु क्या मजाल जो प्रधानमन्त्री जी की त्योरियां चढ़ जाएँ ,झूठ और झूठ केवल झूठ का पुलिंदा पड़ोसी पाक जो भी कह दे ब्रह्मवाक्य मान उस पर विश्वास करते हैं इतना ही नहीं अलगाववादी हमारे देश के किसी भी भाग में देश को हानि पहुंचा दे ,हमारे सिपाहियों को ,सैनिकों को बारूदी सुरंगों से उड़ा दें,परन्तु उनको मारने या पकड़ने से उनकी आत्मा को कष्ट पहुँचता है.
१ ऐसे धैर्यवान,,सहनशील प्रधानमन्त्री जी के समक्ष जब आज देशवासी आवाज़ बुलंद कर रहे हैं कि अमेरिका की तरह भारत भी पाकिस्तान से अपना हिसाब चुकता करे,दाऊद (जिसके २० कारिंदे हमारे देश की मोस्ट वांटेड लिस्ट में हैं.,) सरीखे अनेकों आतंकवादियों को पकडे या मार गिराए,देश में तथा पी.ओ.के. में चलाये जा रहे आतंकी कैम्पस पर हमला कर नष्ट भ्रष्ट कर दें और वो भी तब जब हम समर्थ हैं,जैसा कि हमारे थल सेना अध्यक्ष श्री वी.के.सिंह कह चुके हैं कि अमेरिका जैसी कार्यवाही करने में भारत समर्थ है.,वहां की जेलों से क्षीणकाय हो चुके अपने निर्दोष देशवासियों को छुडाएं .भला सज्जनता की प्रतिमूर्ति प्रधानमन्त्री ऐसा कृत्य कैसे सम्पन्न कर सकते हैं.
आखिर ऐसे विलक्षण गुणों से सम्पन्न माननीय प्रधानमन्त्री जी को जितने भी पुरस्कार मिलें कम हैं,सम्पूर्ण विश्व में ऐसा व्यक्तित्व ढूंढते रह जायेंगें आप.वैसे मेरा मानना यह है कि मनमोहन जी के साथ एक अंतर्राष्ट्रीय पथप्रदर्शक,मार्गदर्शक पुरस्कार माननीया सोनिया जी को भी मिलना चाहिए.आखिर प्रेरणा,निर्देशन तो वही प्रदान करती हैं. .
विशेष……………………….थल सेना अध्यक्ष से अधिक हमारी सैन्य क्षमता के विषय में कौन जान सकता है,ऐसे में शत्रु की समस्त गीदड़ भभकियों को सहन करना कहाँ तक तर्कसंगत कहा जा सकता है.साधन सम्पन्न होने पर यदि अहिंसा का राग अलापते रहें और आतंकवाद रूपी अत्याचार सहन करते रहें तो हमारे शहीदों का भी अपमान होगा जिन्होंने देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति दी

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