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महिलाओं ने …फिर बाज़ी मारी ( फीडबैक) – जंकशन के साथ बिताये खट्टे-मीठे पल

AAKARSHAN
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सुना था कि……’ यत्र नार्यस्तु पूजयन्ते,रमन्ते तत्र देवता ‘ लेकिन यहाँ तो(जंक्शन पर)…….. देवताओं को महिलाओं ने दूर-दूर तक फटकने नहीं दिया……जब भी देखा,……..महिलाएं हमेशा आगे ही नज़र आयीं, चाहे वह ….कविता में हो या लेखन में.यही नहीं ,यहाँ तक आगे कि… कुछ देवताओं (ब्लागरों) को …इर्ष्या होने लगी,और कुछ ने ,तो… महिला-ब्लागरों पर……… अभद्र टिप्पणिया भी करनी शुरू कर दी.खैर! जो भी हो, मेरा जीवन …..जंक्शन पर, अभी बहुत ही कम रहा है.उत्तर प्रदेश सरकार में लम्बी सेवा के उपरांत जब सेवा-निवृत हुआ,तो ऐसा लगा कि प्रथम- श्रेणी के सोपान से धरातल पर गिर पड़ा.सामने संयुक्त-परिवार की कुछ-एक जिम्मेदारियों के अलावा कोई काम भी नहीं था.बड़ी-बेटी की जिम्मेदारी निपट चुकी थी,दोनों बेटे इंजीनियर हैं.अवकाश-प्राप्ति के बाद, नौकरी के प्रस्ताव मिले थे,लेकिन मैं ,स्वतंत्र जीवन बिताना चाहता था,इसलिए मना कर दिया.इसी बीच मेरे समकक्ष एवं मित्र ,…… कृष्णा जी,ने जागरण-जंक्शन से परिचय कराया.इन्ही की प्रेरणा से …….दीपावली २०११ के समय पंजीयन कराया.शुरू में कुछ अटपटा सा लगा.लेकिन १५ नवम्बर२०११ को जब मेरा पहला लेख ….केवल सत्ता पाने की चाल…..छपा तो ख़ुशी हुई,और हिम्मत बढ़ी.साथ ही यह लगा कि ……जागरण-जंक्शन में ,……..किसी सोर्स-सिफारिस ,या पक्षपात…….. की जगह नहीं है.फिर क्या था? जब समय मिला तो लिख दिया. और फिर तो ,लगभग सभी लेख…..फीचर्ड हुए ,और कुछ छपे भी. सबसे ख़ुशी तब हुई जब अपने सहयोगियों की शुभ-कामनाओं से……दिसम्बर२०११ के अंत में………नारी-मुक्ति और हमारी संस्कृति……के लिए ……बेस्ट ब्लागर आफ द वीक …..चुना गया. जनवरी २०१२ का प्रथम सप्ताह ….मेरे लिए यादगार बन गया.इसके बाद तो , मेरे अन्य दो लेख ,..लगातार छपने से हैट्रिक भी हुई.एक ऐसे …नवसिखुआ ….लेखक को और क्या चाहिए था,जिसने लेखनी हाल में ही उठाया था.इसमें मेरे सहयोगी ब्लागरों की ……हौसला-आफ़जाई….का विशेष योगदान था,…….वर्ना हम आदमी थे किस काम के?
शुरू में तो ,लेखों पर कमेंट्स और उस पर …..रिप्लाई….का भी ज्ञान नहीं था.सहयोगियों ने ही सिखाया ,तब इधर ध्यान गया……वर्ना हम थे अनाड़ी.फिर मैंने भी अन्य लेखों को पढना और कमेन्ट करना शुरू किया.इससे लिखने की कला भी आई.जब-जब अवसर मिला ,नए पुराने सभी के लेख पढ़ा.फिर मुझे ऐसा लगा कि,मैं उनके आगे ,कहीं ठहरता ही नहीं.श्री शशि भूषण ,प्रदीप जी,कृष्णा श्री,आर.के.झा. जी की कविताओं/लेखों से बड़ा बल मिला.संतोष जी,योगी जी,दिनेश जी,जे.एल.सिंह जी एवं आल राउंडर जी तथा कुछ अन्य सहयोगियों के कमेंट्स प्रेरणा-दायक रहे.आलीन जी,की तीखी आलोचना ,विक्रम जी का कमेन्ट भी रास आया.वैसे तो ,सोचना हो या सुलोचना ,आलोचना हो या समालोचना या कोई भी …रचना ,मुझे बहुत अच्छा लगता है,क्योंकि सभी में ……चना है,और चना से उर्जा मिलती है.सिर्फ घोड़ों के लिए ही नहीं, मनुष्यों के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी,’ चना’ लाभप्रद होता है.नए लेखकों के भी लेख बहुत अच्छे होते हैं.
यह तो रही देवताओं की बात.जहाँ तक ,देवियों की बात है, मुझे निशा जी,अलका जी से बहुत कुछ सीखने को मिला .अलका जी,ने ,…पतियों की …..बेचारगी ,पर जो लेख लिखा,वह देवता -लेखकों,..जो पत्नी-पीड़ा को झेल चुके हैं, के लिए ….सुखद था या दुखद ,यह तो वही जानते होंगे. सबसे अच्छा है,……’.रहिमन निज मन की व्यथा …..मन ही राखो गोय……..’ मुझे तमन्ना जी का स्पष्ट-लेखन,सरिता जी की ….बोल्डनेस,मीनू जी की सरलता ,रीता जी की…सर्जनता…बहुत अच्छी लगी.यमुना जी,रेखा जी महिमा जी,और परवीन जी का तो कोई ज़वाब नहीं.और भी लेखिकाओं के लेख ,कविताएँ बहुत अच्छी लगती हैं. हाँ,..एक बात जो,सबसे अच्छी लगी,वह यह कि….कुछ .महिलाओं के लेख निःसंदेह अच्छे रहे,और आगे भी अच्छे रहेंगे.लेकिन इससे भी अच्छा यह लगा कि. महिलाओं का लेख …..प्रकाशित होते ही तारीफ करने वालों कि कतार लग जाती है.कभी-कभी तो ऐसा होता है कि मै सोचता हूँ कि आज ,तो मै प्रथम कमेन्ट करूँगा,लेकिन तब ……निराशा होती है कि ….लिखते-लिखते ,मैं …..सातवें स्थान पर पहुँच जाता हूँ.लेकिन अब मै कोई ऐसा तरीका निकालूँगा कि …..लेख चाहे जैसा भी हो,पहली प्रतिक्रिया मेरी ही होगी, चाहे इसके लिए मुझे ……जंक्शन का सर्वर ही क्यों न जाम करना पड़े.ऐसा आकर्षण ….होना भी ..स्वाभाविक है. लेकिन मै ,मुशायरे की महफ़िल में बैठे……. उन लोगों की तरह नहीं बनूँगा,जो शेर शुरू होने से पहले ही …….इरशाद….इरशाद और वाह…वाह चिल्लाने लगते हैं.कहीं आप यह तो नहीं सोचने लगे कि …..पहली प्रतिक्रिया के चक्कर में …मैं कुछ लोगो की तरह ……अभद्र प्रतिक्रिया या अपशब्दों का प्रयोग करूंगा,…..बिलकुल ही नहीं.जो भी हो, देवियाँ यहाँ भी बाज़ी मार ले गयी हैं, और शायद ……..हर क्षेत्र की तरह ,जंक्शन पर भी छायी रहेंगी.हमें यहाँ भी याद रखना होगा…..’यत्र नार्यस्तु……..तत्र देवता’.
जंक्शन के …फीडबैक…..से मेरा यह अनुरोध है,…..कि फीचर्ड ब्लाग कि संख्या बीस से आगे न बढ़ाई जाय……बहु-चर्चित , या अधि -मूल्यित के स्थान पर…टाप-टेन को स्थान मिले ,जिसमे से दो को टाप-ब्लाग में रखा जाय,जैसा कि इस समय हो रहा है.लेकिन …..इन..टाप-टू ब्लाग्स को …….जागरण-जंक्शन में अवश्य छापा जाय. यदि संभव हो तो,……टाप-टेन को अगले ….पांच दिनों में छाप दिया जाय.इससे अच्छे लेखन को प्रेरणा अवश्य मिलेगी. ऐसा मै इसलिए भी कह रहा हूँ ,कुछ अन्य साथियों के लेख के साथ ही मेरे भी कुछ-लेख ….टाप-ब्लाग ….में आने के बाद भी नहीं छपे .यदि न छपे तो इसका कारण इ-मेल से सूचित किया जाय.शुभ-कामनाओं के साथ……जय हिंद! जय भारत!!

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