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इस देश में जहा दिलवाले रहते है कहा जाता है | उस देश की राजधानी दिल्ली में क्या हो रहा है | कानून को तो मजाक बना के रख दिया गया है | महिलाओं के साथ एक पे एक वारदाते हो रही है | दिसम्बर से जब से अब तक अन गिनत बलात्कार हो गए होंगे और सरकार और आम आदमी कभी कभी ही दम भरता है जब तक हम खुद कोई ठोश कदम नहीं उठाएंगे तब तक येही होता रहेगा और इंसान योह ही एक दुसरे के बोलने का इंतज़ार करते रहेंगे तो हर हैवान स्वतंत्र घूमता रहेगा क्योकि उसे तो पता है की सरकार और इस देश के लोग बस शोर मचाना जानते है पर करते कुछ भी नहीं |
अगर देखा जाए तो वोह आग तो दिसम्बर में लगी थी पर जरा सी बारिश से तभी कही दबी रह गयी | दुनिया में हमारा देश शांति प्रिय मन जाता है की कोई भी कुछ भी करे पर हम बोलेंगे नहीं और अगर कोई बोलता है तो ही उसका साथ देंगे | ऐसा क्यों अगर हम एक अपराधी को सरे आम ऐसी सजा दे दे जो हर उस दुष्कर्मी को कोई भी दुष्कर्म करने से पहले उसकी याद से ही दुष्कर्म करने का विचार त्याग दे |
अरे हमारे यहाँ दया के बहाने ही तो यह लोग फायदा उठाते है | वर्ना किसी में इतनी हिम्मत कहा है की कोई भी करतूत करदे और इंसान देखते रहे | पर अब हिन्दुस्तानियो का खून सायद ठंडा पड गया है तभी रोज कही न कही पुरे हिन्दुस्तान में ऐसी गन्दी हरकते होती रहती है और इंसान माँ के पुतले की तरह चुप चाप उसे देख के भी अनसुना करता है | सबक देने के लिए खुद आगे नहीं बढ़ता है | सोचता है की कोई और ही जवाब दे दे तो ठीक मैं क्यों परु इस पचरे में ? जिंदगी बहुत ही मतलबी हो गयी है | और हिन्दुस्तान की अवाम तो कभी कभी ही अंगरे और हुंकार भरती है जुल्म के खिलाफ जोकि बहुत पुरानी बात है तभी तो हम २०० साल अंग्रेजो की गुलामी करते रहे और जुल्म सहते रहे | तो आज जब अपने वतन के लोग ही कुछ ऐसी घिनोनी हरकत करते है तो वोह क्या कर सकते है क्योकि जब देश की सरकार ही कुछ नहीं कर पा रही है तो बेचारे आम इंसान कैसे कुछ कर सकते है सायद येही सोच आज हिन्दुस्तान वासिओ की हो गयी है | पर इसमें कोई बुरे नहीं जब उन्होंने नेता चुन के दिए तो उन्हें क्या पता था जिन्हें उन्होंने रक्षक बना के भेज है वोही भक्षक हो जायेंगे और अपनी जेबों के भरने के सिवाय उन्हें कुछ सूझता ही नहीं | देश जाए भाढ़ में पहले उनकी जेब भरनी चहिये | वैसे भी नेता और गुंडों की तो सदा से ही बनी आ रही है तो वोह कैसे उनके खिलाफ कोई कार्य वही करवाएंगे | बस लोगो को झूठे दिलासे देना ही उनका काम है | अगर युवा सकती चाहे तो इसे बदल सकती है | पर उसे रोकने में उनके बुजुर्गो का बहुत बड़ा योगदान होता है | जागो देशवासियो जागो और खुद इन्साफ करो किसी से उमीद मत करो और न ही अंध विश्वास पर जियो | कुछ तो करो कोई ठोश कदमउठाओ और सब को दिखा दो की आप में भी कुछ करने की हिम्मत और जज्बा है ?
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