- 45 Posts
- 24 Comments
आज हिंदी का महत्व ख़त्म होता जा रहा है | क्योकि इस देश में पशचिम की सभ्यता का बोल बाला होता जा रहा है और लोगो को लगने लगा है कि यह देश तरक्की इस लिए नहीं कर पा रहा है क्योकि इस देश में अंग्रेजी का इस्तेमाल कम होता है | पर अगर आप गौर करे तो हर देश तभी तरक्की कर पाया है जब वोह अपने ही देश की भासा को महत्व दिया है | और हमारे देश में हुम्हारी ही भासा का मजाक लोग बनाते है तो दुसरे क्यों नहीं बनायेंगे | हम कहते है हम हिन्दुस्तानी है पर क्या वास्तव में हम अपने देश की भासा को बोलते हुए सहज महसूस करते है अगर आप आज के समाज से पूछे तो लोग येही कहेंगे की हिंदी से कुछ नहीं होता है आजकल तो अंग्रेजी आनी चाहिये वर्ना नौकरी नहीं मिलेगी हमारे बच्चे को ?
यह कैसा देश है जहा हुम्हे जनम से हिंदी आती है पर अंग्रेजी का इस्तेमाल किये बिना हमे नौकरी नहीं मिल सकती है और अगर मिल भी गयी तो ऐसी जिसे करने का मन भी नहीं लगेगा | हिंदी का वजूद तो अंग्रेजी ने ऐसा ख़तम कर दिया है जैसे अंग्रेजो ने हिन्दुस्तान पर कब्ज़ा कर लिया था |
सही कहते है अंग्रेज चले गए पर अंग्रेजी छोड़ गए | आज बिना अंग्रेजी के इस दुनिया में कुछ भी नहीं है | अगर आपको अंग्रेजी नहीं आती है तो आपकी जिंदगी बेकार है | क्योकि आप कुछ भी नहीं जानते हो और तरक्की नहीं कर सकते हो इस जमाने में |
दुनिया में अंग्रेजी का महत्व इतना ज्यादा है कि लोग अपने बच्चे को अंग्रेजी पढाना ही पसंद करते है क्योकि हिंदी पढने से उनका भविष्य ही नहीं है यह आजकल के लोगो कि सोच हो गयी है | हिंदी मीडियम से पढ़े हुए बच्चो को हिंदी में पढने के कारन बहुत तकलीफ झेलनी पढ़ती है | उन्हें अंग्रेजी मीडियम के बच्चे हर प्रतियोगिता में पचह देते है पर आपको यह भी बताऊ कि अगर उन्हें अंग्रेजी का मतलब पता चल जाए तो हिंदी मीडियम के बच्चे अंग्रेजी मीडियम के बच्चो को बड़ी ही आसानी से प्रतियोगिता में हरा सकते है |पर अंग्रेजी न आना ही उनका दुर्भाग्य है क्योकि इस देश में अंग्रेजी का ही बोल बाला होता जा रहा है और हमारी राष्ट्र भासा कि अहमियत ख़तम होती जा रही है |
Read Comments