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आधुनिक जीवनशैली के कारण, डायबिटीज़(मधुमेह) रोगियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। शायद आपको पता हो कि, शरीर को सबसे अधिक ऊर्जा शुगर या स्टार्च से मिलती है। शरीर में इन्सुलिन की कमी होने पर शुगर ऊर्जा में परिवर्तित होने के बजाय रक्ता में जमा होकर डायबिटीज़ का कारण बनता है।आगे पढ़ें …
डायबिटीज़(मधुमेह) जैसी बीमारी अकसर अधिक उम्र में होती है, लेकिन आज बच्चे भी इसकी गिरफ्त में आ रहे हैं। बच्चों में होने वाले डायबिटीज़ को जुवेनाइल डायबिटीज़ के नाम से जाना जाता है। ज्यादातर बच्चों में टाइप1 डायबिटीज़ के लक्षण देखने को मिलते हैं। यह बीमारी बच्चों के शरीर में मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार और इंसुलिन न बनने के कारण होती है। आगे पढ़ें …
आजकल महानगरों में डायबिटीज जैसी बीमारियां आम हो गई हैं। कुछ सालों पहले तक तो ऐसी बीमारियां कुछ खास वर्ग या उम्र के लोगों को ही हुआ करती थी, लेकिन महानगरों के आधुनिक लाइफ स्टाइल, उनके रहन-सहन, खान-पान के कारण डायबिटीज जैसी बीमारियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। बड़ी उम्र में होने वाली ये बीमारियां अब बच्चों और युवाओं में भी खासा दिखाई पड़ रही हैं। आगे पढ़ें …
अधिक समय तक रहने वाला डायबिटीज़ (मधुमेह) शरीर के दूसरे अंगों को भी प्रभावित करता है और यह प्रभावित अंग आपकी आंखें भी हो सकती हैं। जैसा की आप जानते हैं डायबिटीज़ रक्त वाहिकाओं की दीवार को प्रभावित करता है, जिससे रेटिना(जिसपर छवि बनती है) तक आक्सीजन ले जाने वाली नाडि़यां कमज़ोर हो जाती हैं। आगे पढ़ें …
डायबिटीज़ से संबंधी अन्य लेख पढ़ने के लिए देखें – Onlymyhealth
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