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बच्चे में डायबिटीज

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diabetesडायबिटीज़(मधुमेह) जैसी बीमारी अकसर अधि‍क उम्र में होती है, लेकिन आज बच्चे भी डायबिटीज़ की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों में होने वाले डायबिटीज़ को जुवेनाइल डायबिटीज़ के नाम से जाना जाता है। अगर आपका बच्चा भी डायबिटिक है तो उसका विशेष रूप से ध्यान दें।

बच्चों में होने वाले डायबिटीज़ को जुवेनाइल डायबिटीज़ के नाम से जाना जाता है। ज्यादातर बच्चों में टाइप1 डायबिटीज़ के लक्षण देखने को मिलते हैं। यह बीमारी बच्चों के शरीर में मेटाबॉलिज्म संबंधी विकार और इंसुलिन न बनने के कारण होती है।

कानपुर स्थित रिजेंसी अस्पोताल के एंडोक्रायनालाजिस्ट डा.ॠषि शुक्ला के अनुसार आज बच्चों के खान-पान की बिगड़ती आदतों के कारण डायबिटीज़ के केसेज़ में वृद्धि हुई है।

जुवेनाइल डायबिटीज़ के लक्षण:

1. बहुत अधिक प्यास लगना
2. बार-बार टॉयलेट जाना
3. उल्टियां आना और किसी काम में मन ना लगना
4. कमजो़री और थकान महसूस करना
5. वजन घटना

हालांकि बच्चों को इस बीमारी के बारे में समझाना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन थोड़ी सावधानी बरतकर इस समस्या को गंभीर होने से रोका जा सकता है।

अगर आपके बच्चा डायबिटिक है:

• बच्चे के खान-पान पर विशेष रूप से ध्यान दें।
• समय-समय पर उसकी रक्तजांच करायें और बाल रोग विशेषज्ञ के संपर्क में रहें।
• नियमित रूप से दवाएं दें और बच्चे‍ को समझायें कि उसका दवाएं लेना कितना आवश्यक है।
• कोल्ड ड्रिंक, वेफर्स, जंक फूड, चॉकलेट, मिठाइयों, चावल और आलू जैसी चीज़ों से अपने बच्चे को दूर रखें।
• बच्चे को संतुलित और पौष्टिक आहार दें और उसे ज्यादा देर तक खाली पेट न रहने दें।
• हो सके तो बच्चे का डायट प्लान बनायें।
• खेलने-कूदने और व्याययाम को उसकी आदत में शामिल करायें।
• स्कूल में भी अध्यापक व दूसरे बच्चों को अपने बच्चे की स्वास्थ्य समस्या से अवगत करा दें।

इन छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर आप अपने बच्चे को सामान्य बच्चों जैसे जीवन दे सकते हैं और आगे जाकर यह आदतें ही उसका स्वास्थ्य निर्माण करेंगी ।

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