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जब आप अपने बच्चे को स्कूल में दाखिल करवाते हैं, तो आपका मुख्य उद्देश्य यह होता है की आपका बच्चा हर वो ज्ञान प्राप्त करे जो उसके आगे बढ़ने और सफल जीवन के लिए जरूरी है और जो उसमें आत्मविश्वास पैदा करे। 5 से12 वर्ष के बच्चों के लिए स्कूल में कई शिक्षण गतिविधियाँ होतीं हैं। इन सभी गतिविधियों का उद्देश्य आपके बच्चे की शैक्षिक कौशलता और व्यक्तित्व विकास कराना होता है।बच्चों पर कोई भी गतिविधि या काम लादना नहीं चाहिए बल्कि उनसे ये सब काम, बिना कोई दवाब दिए, आराम से करवाना चाहिए। आगे पढ़ें …
धूम्रपान नहीं करना सबसे अच्छा है, लेकिन अगर आप इस बुरी लत के गुलाम हैं तो कम से कम बच्चों को बख्श दीजिए। अगली बार अपने घर में सिगरेट का धुआं उड़ाने से पहले कई बार सोचिएगा। एक नए शोध से पता चला है कि बच्चों के नजदीक धूम्रपान करने वाले मां-बाप अपनी संतान को बीमार बना रहे हैं।शोधकर्ताओं के अनुसार जन्म के वक्त कम वजन वाले 75 प्रतिशत बच्चों पर तंबाकू का काफी दुष्प्रभाव दिखा। आगे पढ़ें…
इंटरनेट न केवल वयस्कों के लिए, बल्कि बच्चों के लिए भी लत बनता जा रहा है। देश में सात साल से 11 साल तक की उम्र के कई बच्चे प्रतिदिन पांच घंटे से भी अधिक समय इंटरनेट पर बिताते हैं।डाक्टरों के अनुसार, यह आदत बच्चों की सेहत के लिए खतरनाक साबित हो सकती है। लगातार कंप्यूटर का स्क्रीन देखने से आंखों पर जोर पड़ता है और नजर कमजोर हो सकती है। सिर में दर्द की शिकायत हो सकती है।आगे पढ़ें…
यदि आपका बच्चा निर्जलित है, इसका मतलब है कि उसके शरीर में आवश्यकता से कम तरल पदार्थ है। बच्चे निर्जलीकरण के प्रति अधिक प्रवण होते हैं क्योंकि वयस्कों की तुलना में उनके शरीर में पानी का प्रतिशत अधिक होता है। यदि तरल पदार्थ का सेवन अपर्याप्त है तो बच्चे को उल्टी, दस्त, बुखार, या पसीने की वजह से निर्जलीकरण हो सकता है। निर्जलीकरण की गंभीरता भिन्न हो सकती है। ये हल्के से गंभीर और जीवन घातक हो सकती है। आगे पढ़ें…
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