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मलेरिया’ प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है। मलेरिया बुखार, कंपकपी के साथ होता है और इसका कारण है मलेरिया परजीवी, जो मरीज़ के रक्त में पाया जाता है। मलेरिया रोग के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के 10 से 12 दिनों के बाद प्रकट होते हैं। प्रति वर्ष मलेरिया से होने वाली मृत्युदर सैंकड़ों तक पहुंच जाती है। इससे बचने के कई सामान्य उपाय हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग इन्हें नहीं अपनाते।
पिछले वर्ष पूरे भारत में 18 लाख लोगों में मलेरिया की पुष्टि हुई। हर साल दुनिया भर में 30 से 50 करोड़ लोगों में मलेरिया के लक्षण पाये जाते हैं।
मलेरिया के लक्षण:
• कंपकपी के साथ सामान्य या तेज़ बुखार।
• तेज़ सरदर्द, पेट का दर्द या उल्टी ।
• भूख ना लगना।
• लीवर की असामान्यता के कारण रक्त शर्करा में कमी होना, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया के लक्षण प्रकट होते हों।
मलेरिया के लक्षणों का अनुभव होते ही तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और रक्तजांच करायें।
मलेरिया निवारण
• आपको कई दिनों से तेज़ बुखार आ रहा है, तो रक्तजांच ज़रूर करायें।
• रक्त जांच से पहले मलेरिया की क्लोंरोक्वीनिन दवाई ना लें ।
• मलेरिया में एस्प्रिन, डिस्प्रीन और ब्रुफेन जैसी दवाएं ना लें क्योंकि इनसे पेट दर्द हो सकता है।
• बुखार होने पर पैरासिटामाल लिया जा सकता है।
• मलेरिया की पुष्टि होने पर कुछ दिनों तक संतरे का जूस लें।
• बुखार के कम होने पर मरीज़ को ताज़े फलों का सेवन शुरू कर देना चाहिए।
• अधिक तापमान होने पर मरीज़ को ठंडा सेंक दें। यह सेंक हर 3 से 4 घंटे पर दिया जा सकता है।
मलेरिया से बचने का उपाय है मच्छरों से बचना। अपने घर के आसपास पानी जमा ना होने दें और बुखार होने पर लापरवाही ना करें ।
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