- 342 Posts
- 126 Comments
‘मलेरिया’ प्रचलित संक्रामक रोगों में से एक है। मलेरिया बुखार, कंपकपी के साथ होता है और इसका कारण है मलेरिया परजीवी, जो मरीज़ के रक्त में पाया जाता है। मलेरिया रोग के लक्षण संक्रमित मच्छर के काटने के 10 से 12 दिनों के बाद प्रकट होते हैं। प्रतिवर्ष मलेरिया से होने वाली मृत्युनदर सैंकड़ों तक पहुंच जाती है। आगे पढ़ें
ऐसा कहा जाता है कि बच्चों में व्यस्कों के मुकाबले प्रतिरक्षा क्षमता कम होती है इसीलिए बीमारी चाहे कोई भी हो व्यस्कों में बच्चों के मुकाबले हर बीमारी को सहने, उसे झेलने और लड़ने की क्षमता अधिक होती है। बीमारी जब कोई गंभीर हो तो बच्चे उसे झेलने के बजाय बेकाबू हो जाते हैं। आगे पढ़ें
नवजात शिशु यदि दुनिया में आते ही मलेरिया का शिकार हो जाए तो उसकी देखभाल में जरा सी चूक उसमें उम्रभर के लिए कोई विकार पैदा कर सकती है या फिर उसमें उम्रभर के लिए कमजोरी पैदा कर सकती है। इसीलिए नवजात शिशु की देखभाल में बिलकुल भी लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। खासकर तब जब वह मलेरिया से ग्रसित हो। आगे पढ़ें
होम्योपैथी से मलेरिया चिकित्सा
मलेरिया पूरे विश्व में हर साल करीब 1- 1.5 लाख लोगों की मौत का कारण बनता है। यह अधिकतर देशों में मुख्य स्वास्थ्य समस्या बना हुआ है। यह प्रसिद्ध है कि होमियोपैथी चिकित्सा से कई बीमारियों का इलाज हो सकता है। मलेरिया के लिए होमियोपैथी उपचार का उपयोग सदियों से किया जा रहा है। आगे पढ़ें
मलेरिया से संबंधी अन्य लेख पढ.ने के लिए देखें – Onlymyhealth.Com
Read Comments