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शापिंग करने के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं, कुछ ज़रूरत के लिए शापिंग करते हैं, कुछ शौक के लिए और कुछ तनावमुक्ति के लिए। ऐसे में अगर आपकी शापिंग का कारण भी तनावमुक्ति जैसा कुछ है, तो इसे बदल डालें और कभी भी तनाव के समय शापिंग ना करें। ऐसे में आप ना केवल पैसों की बर्बादी करेंगे बल्कि ऐसी चीज़ें भी खरीद लायेंगे जिनका आप कभी प्रयोग नहीं करेंगे।
अगर शापिंग आपके लिए अनिवार्य बनती जा रही है तो आप शापैहालिक हो सकते हैं। इस समस्या से बचने का सबसे आसान तरीका है काउंसलिंग।
साइकैट्रिस्ट्स की मानें तो शापिंग करने का नशा भी कुछ अल्कोहल या ड्रग्स की तरह होता है। एक महिला अगर परेशान होती है या उसे अकेलापन महसूस होता है तो शापिंग उसके लिए प्रेरणा का स्रोत बन जाता है और वह आपनी शापिंग पर गर्व करती है।
• क्या शापिंग आपके लिए तनाव मुक्ति का साधन है।
• क्या आप अपनी जेब से अधिक शापिंग करते हैं।
• क्या आप अपनी शापिंग करने की आदत को चाह कर भी नहीं बदल पा रहे हैं।
अगर इनमें से कोई भी आप्शन आपको सही लगता है तो सावधान हो जायें, आप भी शापैहोलिक्स हो सकते है ।
शापैहोलिज्म से बचने के टिप्स
• अगर आपको लगता है कि आप शापैहोलिक बन रहे हैं तो अपने पास कैश रखें। कभी भी कार्ड लेकर ना जायें ।
• अगर आपको डिप्रेशन या ऐसी किसी कोई बिमारी है तो पहले अपनी चिकित्सा करा लें तभी शापिंग करें।
• शापिंग के नाम पर आप स्वयं को नियंत्रित नहीं कर पा रही हैं, तो अपने सारे कार्ड फेंक दें ।
• महीने का बजट बना लें और उसपर अडिग रहें।
• कुछ डाक्टर्स का मानना है कि ऐसे में एण्टीडिप्रेसेंट ड्रग्स भी लिया जा सकता है।
• अगर आपकी समस्या बढ़ रही है तो आप काउंसलर से भी सम्पर्क कर सकते हैं।
अगर आपको भी लगता है कि आपके अंदर का शापैहोलिक विकसित हो रहा है तो अपनी आदतें बदल डालें।
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