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डायबिटीज़ जैसी बीमारी का पता चलते ही हमें अपने आहार में फलों के साथ–साथ बहुत सी चीज़ें कम करनी पड़ती हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि फलों में मौजूद शुगर से रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ सकती है, लेकिन विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि यह पूर्ण भ्रम है । कुछ फल डायबिटीज़ के मरीज़ के लिए वरदान हो सकते हैं, इसे समझने के लिए पढ़े:
सेब :
सेब को एक नकारात्मक कैलोरी आहार भी माना जाता है क्योंकि इसके पाचन में अधिक मात्रा में कैलोरी की आवश्यकता होती है। विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि इससे शरीर से अपशिष्ट और टाक्सिन निकल जाते हैं और इन्सुलिन की आवश्यकता 35 प्रतिशत तक कम हो जाती है।
चेरी :
दिन में एक बार चेरी खाने से डायबिटीज़ नियंत्रित हो सकता है। इस मीठे और खट्टे फल में विशेष तरीके का रासायन, ऐन्थोसाइनिन पाया जाता है। यह रसायन ना सिर्फ चेरी को गहरे रंग का बनाता है बल्कि शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ाने के साथ साथ रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित रखता है और हृदय से सम्बन्धी बीमारियों के खतरे को भी कम करता है।
अंगूर :
अंगूर एक खट्टा फल है जिसमें एक विशिष्ट स्वाद होता है और यह सम्पूर्ण पोषण के लिए भी अच्छा होता है। विशेषज्ञों का ऐसा भी मानना है कि बचपन से ही अंगूर खाने से युवावस्था तक पहुंचते – पहुंचते डायबिटीज़ का खतरा कम हो जाता है।
घुलनशील फाइबर युक्त फल :
घुलनशील फाइबर युक्त फल जैसे स्ट्राबेरी, तरबूज़, पपीता, बेर आदि जल्दी पच जाते हैं इसलिए वो आंत में आसानी से अवशोषित हो जाते हैं। विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि फाइबर युक्त फल आंत को साफ रखने का काम करते हैं।
जामुन :
दूसरे एण्टी डायबिटीक फलों की ही तरह जामुन भी अग्न्याशय पर पहला प्रभाव डालता है। यह स्टार्च को शुगर में परिवर्तित नहीं होने देता और रक्त में ग्लूकोज़ का स्तर भी संतुलित रखता है।
लेकिन फलों का सेवन करते समय डायबिटीज़ के मरीज़ों को कुछ बातें ध्यान में रखनी होती है वो है डायबिटीज़ के मरीज़ को एक स्वस्थ आहार के लिए निश्चित मात्रा में ही फलों का सेवन करना चाहिए ।
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