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आज फैशन के चलन में पैरों की खूबसूरती का भी एक महत्वपूर्ण स्थान है, लेकिन डायबिटिक्स के लिए उनके पैरों का ख्याल रखने के कई दूसरे कारण भी हैं। डायबिटिक्स को हमेशा डायबिटिक फुट जैसी समस्या का खतरा रहता है और पैरों की परेशानियों को नज़रअंदाज करना आगे जाकर पैरों के अल्सर तक को जन्म दे सकता है।
लगभग सभी डायबिटीज़ के मरीज़ों को डायबिटिक पैरों से सम्बन्धी परेशानियां रहती हैं।
डायबिटिक्स कैसे करें स्वयं की देखभाल:
प्रतिदिन अपने पैरों की जांच करें :
विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि डायबिटिक्स के लिए पैरों की प्रतिदिन देखभाल करना ज़रूरी होता है। ऐसे में पैरों में जलन और घाव का पता तबतक नहीं चलता जबतक कि पैर संक्रमित नहीं हो जाते।
पानी में पैर डालना खतरनाक हो सकता है :
डायबिटिक्स के लिए गरम पानी में पैर डालना खतरनाक हो सकता है। पैरों को ठीक प्रकार से साफ करके ही पानी में डालें और पैरों को पानी से निकालने के बाद उन्हें सूखे तौलिये से ज़रूर पोछें।
माश्च्रराइजिंग लोशन लगायें :
अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो हमेशा ऐसी सलाह दी जाती है कि अच्छी क्वालिटी का माश्च्रराइजिंग लोशन और क्रीम लगायें।
आरामदायक जूते ज़रूरी हैं :
आदर्श तरीके से एक जूते को आरामदायक और फिट होना चाहिए जिससे आपके पैरों पर दबाव ना पड़े। आपके लिए टेनिस के जूते अच्छे हैं और इनसे पैरों में होने वाली परेशानी काफी हद तक कम होती है।
नंगे पांव ना चलें :
डायबिटिक फुट के मरीज़ों के लिए नंगे पांव चलना अच्छा नहीं होता क्योंकि ऐसे में घावों के होने की अधिक सम्भावना रहती है और जर्मस और सूक्ष्मजीवों को बढ़ने का मौका मिलता है।
रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित रखें :
चिकित्सा विशेषज्ञ ऐसी सलाह देते हैं कि नर्व पेन को नियंत्रित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप डायबिटीज़ का स्तर देखें। डायबिटिक्स को अपने रक्त में ग्लूकोज़ के स्तर को नियंत्रित करना चाहिए और स्वस्थ आहार के सेवन के साथ ही व्यायाम पर भी विशेष ध्यान देना चाहिए।
ध्यान रखें कि आपके पैर आपकी आज़ादी का स्रोत हैं और इन्हीं पर आपके शरीर का पूरा ढांचा खड़ा होता है। अपने पैरों का ख्याल रखें और अपने डायबेटॉलाजिस्ट से अपनी चिकित्सा से सम्बन्धी बातें करें।
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