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96 साल के बुजुर्ग ने ग्रेजुएट डिग्री पाकर कीर्तिमान रचा, टॉप रैंक पाने वाले सबसे बुजुर्ग शख्स बने

 

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan13 Aug, 2020

 

 

शिक्षा हासिल करने की कोई आयुसीमा नहीं होती है। उम्र के किसी भी पढ़ाव में आप पढ़ाई कर सकते हैं बशर्ते इसके लिए जज्बा और मजबूत इच्छा​शक्ति होना जरूरी है। हाल ही एक 96 साल के बुजुर्ग ने ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है। वह क्लास में टॉप रैंक के साथ टॉप हॉनर्स करने वाले दुनिया के पहले बुजुर्ग बन चुके हैं। इस बुजुर्ग को पढ़ाई के प्रति लगाव के लिए दुनियाभर से बधाई संदेश पहुंच रहे हैं। आइए जानते हैं कौन है इस उम्र में कीर्तिमान स्थापित करने वाले ये शख्स।

 

 

 

 

 

इटली के सिसिली में रहने वाले बुजुर्ग ने इतिहास रचा
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार इटली के सिसिली इलाके के पलेर्मो शहर के बुजुर्ग गिसेप्पे पैटर्नो ने 96 साल की उम्र में ग्रेजुएशन कर कीर्तिमान रच दिया है। माना जा रहा है कि इतनी उम्र में ऐसा करने वाले वह पहले शख्स भी हैं। 1923 में पैटर्नो एक गरीब परिवार में जन्मे थे। जिसकी वजह से उनकी हायर एजूकेशन हासिल करने की इच्छा पूरी नहीं हो सकी।

 

 

 

 

किताबों से लगाव के बावजूद गरीबी ने पढ़ने न दिया
गिसेप्पे पैटर्नो ने बताया कि वह युवावस्था से ही किताबी कीड़े बन चुके थे। हालांकि, उनकी पढ़ाई के रास्ते में गरीबी रोड़ा बनकर खड़ी हो गई। इसी वजह से चाहते हुए भी वह कभी यूनिवर्सिर्टी में दाखिला नहीं ले सके। वह बताते हैं कि जब वह द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान नेवी में शामिल हुए तब उन्हें लगा कि पढ़ाई के लिए अब पर्याप्त रकम वह जुटा पाएंगे।

 

 

 

 

2017 में यूनिवर्सिटी में लिया दाखिला
बाद में वह लंबे समय तक रेलवे कर्मचारी भी रहे। लेकिन, इस दौरान उन्हें यूनिवर्सिटी में दाखिला नसीब नहीं हो सका। पैटर्नो कहते हैं कि ऐसा कोई काम नहीं जो हो न सके और इसीलिए उन्होंने ग्रेजुएशन करने की ठान ली। 2017 में उन्होंने इटली के पलेर्मो यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन कोर्स हिस्ट्री और फिलॉसफी में दाखिला ले लिया।

 

 

 

 

 

बुजुर्ग ने साबित किया उम्र महज नंबर मात्र हैं
गिसेप्पे पैटर्नो को हाल ही में पलेर्मो यूनिवर्सिटी ने क्लास में टॉप रैंक के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री प्रदान की है। यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स का कहना है कि पैटर्नो ने युवाओं को भी मात दे दी है। प्रोफेसर्स ने कहा कि पैटर्नो की इच्छाशक्ति ने सबको कायल कर दिया है। उनके जज्बे ने दुनियाभर के सामने मिसाल पेश की है कि उम्र महज एक नंबर मात्र है।

 

 

 

 

 

 

इरादे मजबूत हों तो हकीकत बनते हैं सपने
पैटर्नो ने बताया कि उन्होंने अपनी पूरी पढ़ाई इंटरनेट की बजाय किताबों से की। लेकिन, कोरोना महामारी के चलते उन्हें इंटरनेट इस्तेमाल करना पड़ा। उन्होंने अपनी सभी क्लासेस आनलाइन अटेंड कीं और आनलाइन एग्जाम भी दिया। पैटर्नो ने कहा कि यूनिवर्सिटी जाते वक्त मुझे लोगों के व्यवहार को लेकर संशय था, कि एक बुजुर्ग छात्र के साथ प्रोफेसर और अन्य छात्र कैसे पेश आएंगे। उन्होंने कहा कि अगर आपके इरादे मजबूत हैं तो आप अपना सपना जरूर पूरा कर सकते हैं।…NEXT

 

 

 

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