देश की शिक्षा नीति में आमूलचूल परिवर्तन किया गया है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दे दी है। बताया गया कि देश के 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और 676 जिलों की सलाह पर अमल करते हुए शिक्षा नीति बदली गई है। शिक्षा नीति में परिवर्तन से स्कूल और कॉलेज स्तर पर पढ़ाई का स्वरूप भी बदल जाएगा। ई कोर्सेस और वर्चुएल लैब्स की भी शुरुआत की जाएगी। जबकि, कई साल वाले कोर्सेस में भी बदलाव किया गया है।
दो समितियों के जरिए बदली गई शिक्षा नीति
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई। यह बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि 34सालों से शिक्षा नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि शिक्षा नीति में बदलाव के लिए अध्ययन करने और सुझाव हासिल करने के लिए दो समितियां बनाई गई थीं।
युवाओं के लिए नए अवसर स्थापित होंगे
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि शिक्षा नीति में बदलाव के लिए देश के 676 जिलों, 2.5 लाख ग्राम पंचायतों और 6600 ब्लॉक के सुझाव के बाद ऐसा किया गया है। शिक्षा नीति को लेकर सरकार की ओर से पूछे गए सवालों पर दो लाख से ज्यादा जवाब भी आए। उन्होंने कहा कि युवाओं को नई शिक्षा नीति से फायदा पहुंचने वाला है। देशवासी इसका स्वागत करेंगे।
मनचाहा विषय ले सकेंगे विद्यार्थी
नई शिक्षा नीति के तहत छात्रों को मनचाहा विषय चुनने की छूट दी गई है। इसलिए कला, गणित, विज्ञान, वाणिज्य संकाय को खत्म कर दिया गया है। अब स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए अपनी स्वेच्छा और स्किल्स के अनुसार विषय चुनने की आजादी मिलेगी।
एमफिल खत्म डायरेक्ट पीएचडी होगी
शिक्षा नीति में बदलावों के तहत 10+2 को हटाकर इसे 5+3+3+4 में बांटा गया है। इसके अनुसार शुरुआत के 5 साल की पढ़ाई में 3 साल प्रीस्कूल और दो साल कक्षा 1 और 2 की पढ़ाई होगी। इसके बाद के 3 सालों में कक्षा 3,4 और 5वीं की पढ़ाई होगी। अगले 3 सालों में कक्षा 6,7 और 8वीं की पढ़ाई होगी। अब बचे 4 साल में 9, 10, 11 और 12वीं पढ़ाई जाएगी।
ग्रेजुएशन का डिग्री सिस्टम भी बदला
ग्रेजुएशन 3—4 साल का होगा। नए बदलावों से बीच में पढ़ाई छोड़ने वालों की डिग्री बर्बाद नहीं जाएगी। क्योंकि पहले साल की पढ़ाई पूरी होने पर सर्टिफिकेट जारी किया जाएगा। दूसरे साल में डिप्लोमा और तीसरे चौथे साल में डिग्री दी जाएगी। इससे एक साल की पढ़ाई कर सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी हासिल की जा सकेगी। पूरे तीन साल कोर्स करने की बाध्यता खत्म हो जाएगी।…NEXT
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