दुनियाभर में फसल बुवाई से पहले खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर जैसे उपकरणों और जानवरों का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन, दुनिया के युद्धग्रस्त देश यमन में गधों के जरिए खेतों की जुताई की जाती है। यहां के बदतर हालात के बीच छोटे छोटे बच्चे शिक्षा हासिल करने की बजाए खेत जोतने समेत अन्य कामों में माहिर हो चुके हैं।
कई साल से युद्ध में है यमन
भारत में आमतौर पर खेत जोतने के लिए ट्रैक्टर और बैलों का इस्तेमाल किया जाता है। भारत समेत कई एशियाई देशों में गधों को हल में बांधकर खेतों की जुताई नहीं की जाती है। हालांकि, दूसरे कामों में गधों की मदद ली जाती है। मध्य पूर्व के देश यमन को लेकर जारी शिन्हुआ की ताजा रिपोर्ट काफी चौंकाने वाली है। युद्ध के चलते यहां के हालात ठीक नहीं हैं।
हर घंटे गिरते हैं विस्फोटक बम
रिपोर्ट्स के अनुसार यमन में युद्ध के हालात पिछले कई सालों से बने हुए हैं। यहां किसी भी इलाके में कब बमबारी शुरू हो जाए किसी को कुछ पता नहीं होता है। एक अनुमान के मुताबिक यमन में हर घंटे एक बम गिरता है और इलाके को बर्बाद कर देता है। यही वजह है कि यहां के बच्चों और महिलाओं की हालत खस्ता है।
2 करोड़ लोगों को भरपेट भोजन नहीं
यूएन के अनुसार यमन में फसलों की पैदावार में लगातार गिरावट आई है। इस कारण 2 करोड़ लोगों को पर्याप्त रूप से भोजन तक हासिल नहीं हो पाता है। यही कारण हैं कि यहां हर साल भुखमरी से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हो जाती है। यहां के बच्चे पेट भरने के लिए पढ़ाई छोड़ खेतों में फसल उगा रहे हैं।
गधों से खेत जोत रहे बच्चे
शिन्हुआ ने यमन की राजधानी साना के बाहरी इलाके में खेती करते बच्चों की तस्वीरें भी शेयर की हैं। तस्वीर में देखा जाता सकता है कि बच्चे गधों के जरिए खेतों की जुताई में जुटे हुए हैं। यूनीसेफ के मुताबिक यहां बड़ी संख्या में बच्चे पढ़ाई छोड़कर खेती के कामों में जुटे हुए हैं जिन्हें शिक्षा की ओर लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।…NEXT
Read more:
दौड़ते समय टूटा पैर फिर भी 8 घंटे रेंगकर पहुंचा रेसर, डॉक्टरों ने बचा ली जान
एक करोड़ किसानों को बर्बाद कर पाकिस्तान पहुंचे लाखों टिड्डे, जहां जाते हैं कोहराम मचाते हैं
विश्व के 13 फीसदी लोग क्यों मौत के मुहाने पर हैं और 34 करोड़ बच्चों की जिंदगी कैसे खतरे में है
टीपू सुल्तान ने ऐसा क्या किया जो कहलाए फॉदर ऑफ रॉकेट, जानिए कैसे अंग्रेजों के उखाड़ दिए पैर
Read Comments