टेक्नोलॉजी के मामले में चीन को काफी आगे माना जाता है। ऐसे में दुनिया की नजरें चीन पर टिकी रहती हैं। इस बार भी चीन एक बार फिर से सुर्खियों में है चीन ने 2020 तक 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली चालक रहित मैग्लेव ट्रेन चलाने की योजना तैयार की है। ट्रेन तैयार करने में जुटी सीआरआरसी जुंगझो लोकोमोटिव कंपनी का कहना है कि परिचालन शुरू होने के बाद यह चीन की सबसे तेज कमर्शियल मैग्लेव ट्रेन होगी। मैग्लेव ट्रेन 600 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार हासिल कर सकती है। अधिकतम गति होने पर ट्रेन जमीन से 10 सेमी ऊपर उठ जाती है।
29 हजार किलोमीटर लंबा रेल नेटवर्क
चीन अभी तक 29 हजार किमी लंबा रेल नेटवर्क तैयार कर चुका है। देश के भीतर उसके पास विभिन्न शहरों को जोड़ने वाला 22 हजार किमी लंबा रेल नेटवर्क है। यह विश्व में सबसे बड़ा है। चीन इस पर 350 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चला सकता है। फिलहाल चीन बुलेट ट्रेन की अपनी तकनीक के निर्यात की योजना पर काम कर रहा है।
क्या है मैग्लेव ट्रेन प्रोजेक्ट
मैग्नेटिक (चुंबकीय) लेविएशन को मैग्लेव और मैग्नेटिक सस्पेंशन के नाम से भी जाना जाता है। इसमें कोई भी चीज केवल मैग्नेटिक फील्ड के सहारे एक जगह से दूसरी जगह पर जाती है। उसे किसी भी तरह की गति देने के लिए मैग्नेटिक फोर्स का ही इस्तेमाल किया जाता है। जुंगझो लोकोमोटिव कंपनी के चेयरमैन जू किंग्च का कहना है कि नई तकनीक का इस्तेमाल ट्रेन को तीव्र गति देने के लिए किया गया है। चुंबकीय शक्ति होने की वजह से पहाड़ी इलाकों में ट्रेन को अतिरिक्त शक्ति मिलेगी। इस ट्रेन में ताकतवर दिमाग भी है। इससे यह ट्रेन अपने आप से सुरक्षित व भरोसेमंद यात्रा को सुनिश्चित कर सकेगी।
जापान और दक्षिण कोरिया के पास है मैग्लेव तकनीक
मैग्लेव तकनीक फिलहाल चीन के अतिरिक्त जापान और दक्षिण कोरिया के पास है। चीन का पहला मैग्लेव सिस्टम 2002 में तैयार किया गया था। यह 30 किमी के दायरे में है और शंघाई एयरपोर्ट को सिटी सेंटर से जोड़ता है। इस ट्रैक पर ट्रेन अधिकतम 400 किमी प्रति घंटे की गति से दौड़ सकती है।….Next
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