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प्रेम और विद्रोह के भावों से लिपटी रवींद्रनाथ टैगोर की वो 5 कहानियां जो आज का आईना हैं

 

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan7 Aug, 2020

 

 

विश्वप्रसिद्ध साहित्यकार रवींद्रनाथ टैगोर के लिखे शब्दों में वो मर्म छिपा है जिसे महसूस करने के लिए आपको उनकी कहानियों में डूबना होगा। दुनियाभर में चर्चित कहानियों और कविताओं के लिए रवींद्रनाथ को नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया है। यह पुरस्कार हासिल करने वाले वह भारत ही नहीं एशिया के पहले साहित्यकार थे। उनकी कहानियां समाज का आईना बनकर उभरती हैं। आज यानी 7 अगस्त को उनकी पुण्यतिथि के मौके पर जानते हैं 5 सबसे चर्चित कहानियां।

 

 

 

 

 

चोखेर बाली
रवींद्रनाथ टैगोर की विश्व​प्रसिद्ध रचनाओं में शुमार चोखेर बाली को इतनी बार लोगों ने पढ़ा है कि किताब प्रेमियों के जुबान पर इसका नाम रटा हुआ है। चोखेर बाली पर कई भाषाओं में धारावाहिक और फिल्में बन चुकी हैं। चोखेर बाली उपन्यास को मनोवैज्ञानिक कहानी भी कहा जाता है। इस कहानी में एक शिक्षित और सुंदर युवती से शादी करने के लिए नापसंद कर दिया जाता है और उसकी एक बीमार व्यक्ति से शादी करा दी जाती है। जिसका परिणाम उसे विधवा होकर चुकाना पड़ता है। अपने जीवन के दुर्दिनों के लिए जिम्मेदार और अपमान करने उस युवक से बदला लेती है जिसने अपने घमंड में आकर उससे शादी से इनकार किया था।

 

 

 

 

 

काबुलीवाला
एक बच्चे और एक फेरीवाले के बीच के स्नेह और प्रेम को दिखाने वाली यह कहानी दुनियाभर में आज भी बड़े चाव से पढ़ी जाती है। इस कहानी पर भी कई फिल्में और सीरियल बन चुके हैं। रोजगार के लिए अपना देश छोड़कर आए एक फेरीवाले को एक छोटी बच्ची में अपनी बेटी दिखने लगती है। और इसके बाद दोनों के बीच के परस्पर स्नेह और बनते बिगड़ते घटनाक्रमों को दिखाया गया है।

 

 

 

मनभंजन
यह कहानी एक लड़के और लड़की कहानी है जो बचपन से साथ खेलते हैं और बड़े होकर एक दूसरे से प्रेम करने लगते हैं। दोनों का प्रेम आगे चलकर शादी में बदल जाता है। शादी के कुछ वक्त बाद ही पति एक नृत्यांगना की ओर आकर्षित हो जाता है, जिसके बाद पत्नी पति को सबक सिखाने के लिए खुद भी नृत्यांगना बन जाती है। यह कहानी प्रेम, धोखेबाजी, विद्रोह और बदले की भावनाओं से गुंथी हुई है। रवींद्रनाथ टैगोर की इस कहानी पर भी कई सीरियल बन चुके हैं।

 

 

 

अतिथि
यह कहानी ऐसे लड़के की है जो खुद को एक लकीर में नहीं खींचना चाहता है। वह एक जगह नहीं ठहरना चाहता है। पूरे संसार और संस्कृति और प्रकृति को समझने के लिए यात्रा करता है। यात्रा के दौरान वह एक जमींदार परिवार से जा मिलता है और वहां कुछ दिन बिताता है। जमींदार की बेटी जो उस लड़के से प्रेम करने लगती है। लेकिन, लड़का अपनी यात्रा को जारी रखने के लिए वहां से चला जाता है। कहानी में किशोर उम्र के बिना इजहार वाले प्रेम इस कदर पिरोया गया है कि मानों यह खुद की कहानी लगने लगती है। इस कहानी पर भी कई सीरियल बन चुके हैं।

 

 

 

वारिस
रवींद्रनाथ टैगोर की यह कहानी अहंकार में लिए गए फैसले के बाद जिंदगी भर अपराधबोध में डूबे रहने के मर्म को दिखाती है। कहानी में किस कदर एक व्यक्ति घमंड में चूर होकर निर्णय लेता है और बाद में वह मानसिक बीमारी से ग्रस्त हो जाता है। वारिस कहानी पारिवारिक विरोधाभास, विद्रोह, कुटिलता और आत्मग्लानि के भावों को सबके सामने ला देती है। यह कहानी समाज के लिए सबसे बड़ा आइना बनकर उभरती है।…NEXT

 

 

 

 

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