अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप अपने फैसले की वजह से सुर्खियों में रहते है लेकिन इस बार डोनल्ड ट्रंप और उनके बच्चों पर आरोप लग रहे हैं कि उन्होंने फाउंडेशन के फ़ंड का गैर-कानूनी तरीके से इस्तेमाल किया। विवाद बढ़ता देख डोनल्ड ट्रंप अपनी फैमिली चैरिटी ‘ट्रंप फाउंडेशन’ को बंद करने पर राजी हो गए हैं।
क्या है पूरा मामला
ट्रंप फाउंडेशन के खिलाफ न्यूयॉर्क के पूर्व अटॉर्नी जनरल एरिक शिनाडमन की निगरानी में जांच शुरू किए जाने के बाद ये मुकदमा दायर किया गया था।
फाउंडेशनके रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ियां पाए जाने के बाद अक्टूबर 2016 में शिनाडमन ने न्यूयॉर्क से ट्रंप फाउंडेशन को मिलने वाले फंड पर रोक लगा दी थी।
उस वक्त राष्ट्रपति चुने गए ट्रंप ने कहा था कि वो फाउंडेशनको बंद कर देंगे ताकि इससे हितों के टकराव की बात ना आए।
ये आरोप लगे हैं
जून 2018 में अटॉर्नी जनरल की ओर से न्यूयॉर्क के सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए 41 पन्नों के दस्तावेज़ में कहा गया था कि एक दशक से भी ज्यादा समय से चल रही गैर-लाभकारी संस्था में क़ानूनों का उल्लंघन हुआ है।
2008 के बाद से ट्रंप ने फाउंडेशन को कोई व्यक्तिगत फ़ंड नहीं दिया। फाउंडेशनके बैंक अकाउंट पर सिर्फ़ राष्ट्रपति ट्रंप के हस्ताक्षर चलते हैं और अनुदान संबंधित हर फैसला वो ही लेते हैं।
पेश दस्तावेज़ो में ट्रंप के लोवा राज्य में हुए एक इवेंट का ख़ासतौर पर ज़िक्र किया गया है। जनवरी 2016 में उन्होंने रिपब्लिकन उम्मीदवार के साथ टीवी डिबेट में हिस्सा लेने के बजाए पूर्व सैन्य कर्मियों के लिए पैसा जुटाने के लिए लोवा में इवेंट किया था।
इस इवेंट में ट्रंप फाउंडेशन को 2। 8 मीलियन डॉलर का डोनेशन मिला था। याचिका में आरोप लगाया गया है कि जनता के लिए इकट्ठा किए गए इस पैसे का इस्तेमाल ट्रंप के चुनाव प्रचार में किया गया।
याचिका में ये भी आरोप लगाया गया है कि ट्रंप के मार-आ लागो रिसोर्ट के ख़िलाफ़ क़ानूनी दावे को सेटल करने के लिए फाउंडेशन ने एक लाख डॉलर दिए थे। वहीं, उनके एक गोल्फ क्लब के दावे को सेटल करने के लिए फाउंडेशन ने 158 हजार डॉलर दिए थे…Next
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