सेहत के साथ खिलवाड़ आपको बहुत भारी पड़ सकता है। ठंड में लोग रोजाना अल्कोहल का भारी मात्रा में सेवन शुरू कर देते हैं। लोगों में मिथ होता है कि इससे उन्हें सर्दी नहीं लगेगी। लेकिन, रोज की आदत डालने से अल्कोहल आपके दिमाग को कमजोर कर सकता है। इसके साथ यह गंभीर दिमागी बीमारी मिर्गी का कारण भी बन सकता है। आइए जानते हैं मिर्गी रोग के बारे में और इससे बचने के उपाय और इलाज।
चार तरह की मिर्गी
मेडिकल की भाषा में मिर्गी की बीमारी को एपीलेप्सी Epilepsy कहते हैं। यह मुख्य रूप से चार तरह की होती है। पहली Generalized Epilepsy, दूसरी Partial (focal) Epilepsy, तीसरी Absence Seizures और चौथी Complex Partial Seizures. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह मिर्गी के यह चारों फॉर्म एक तरह से इस बीमारी के स्टेज भी हैं। लास्ट स्टेज में पेशेंट पूरी तरह से अपना मानसिक संतुलन खो बैठता है।
झटके और मुंह से झाग
इस बीमारी से लोगों को अवेयर कराने के लिए पूरे विश्व में पिछले दिनों अभियान चलाया गया है। साथ हर साल 17 नवंबर को National Epilepsy Day भी मनाया जाता है। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को दौरे या झटके आते हैं। यह झटके कभी भी और किसी भी समय आ सकते हैं। झटकों के दौरान पीडि़त व्यक्ति अपना संतुलन खो देता है और वह निढाल होकर जमीन पर गिर जाता है। उसके शरीर के अंग अकड़ सकते हैं और कई बार उसके मुंह से झाग भी आ जाता है।
अपंगता की आशंका
न्यूरोलॉजिस्ट इस बीमारी को एक तरह की दिमागी गड़बड़ी मानते हैं। उनके अनुसार न्यूरोलॉजिकल डिस्बैलेंस के कारण कोई भी व्यक्ति इस बीमारी की चपेट में आ सकता है। इस बीमारी से पेशेंट के हाथ, पैर, आखों में कमजोरी या अपंगता की स्थिति भी बन सकती है। डॉक्टर्स बताते हैं कि यह बीमारी किसी भी एज ग्रुप में हो सकती है।
ज्यादा शराब बीमारी का कारण
विशेषज्ञ बताते हैं कि यह बीमारी अधिक मात्रा में लगातार अल्कोहल लेने से किसी को भी हो सकती है। इसके अलावा जो लोग नशीली दवाएं, ड्रग्स या फिर नशीले इंजेक्शन लेते हैं उन्हें भी यह बीमारी अपना शिकार बना लेती है। ज्यादा और हर रोज शराब पीने वाले लोग भी इसकी चपेट में जल्दी आते हैं। जो लोग स्ट्रेस में रहते हैं और अच्छी नींद नहीं लेते हैं वह भी इस बीमारी से ग्रसित हो सकते हैं। इस बीमारी से पीडि़त व्यक्ति तनाव को बर्दाश्त नहीं कर पाता और उसे झटके आने शुरू हो जाते हैं।
ज्यादा नींद सबसे सही उपचार
इस बीमारी से पीडि़त पेशेंट का लंबे समय तक इलाज चलता है। शुरूआती स्टेज में ही इसका ट्रीटमेंट शुरू नहीं कराने से सह गंभीर रूप ले लेती है। चिकित्सक इस बीमारी से बचने के उपाय में नींद को सर्वोपरि रखते हैं। वह मानते हैं कि यदि इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति से 8 घंटे की नींद लेगा और बिना तनाव के सामान्य जीवन जिएगा तो उसे ठीक होने में ज्यादा समय नहीं लगता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम, पौष्टिक आहार और शांति में रहने से इसे बीमारी को ठीक किया जा सकता है।…Next
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