दुनियाभर में जून माह के तीसरे रविवार को फादर्स डे सेलीब्रेट किया जाता है। यह दिन पिता के लिए सम्मान प्रकट करने के तौर पर मनाया जाता है। माना जाता है कि 111 साल पहले एक खूबसूरत लड़की ने हादसे में मर चुके अपने पिता की याद में पहली बार फादर्स डे मनाया था। बाद के दिनों इस दिन को फादर्स डे के तौर पर दुनियाभर में मनाया जाने लगा।
मदर्स डे के समांतर फादर्स डे का आगाज
दुनियाभर में अपने परिजनों के प्रति सम्मान जताने और रिश्तों को जाहिर करने के उद्देश्य से कई तरह के डे सेलीब्रेट किए जाते हैं। इनमें मदर्स डे, चिल्ड्रेंस डे, वेलेंटाइंस डे हैं। मां के सम्मान में मदर्स डे के समांत पिता को भी सम्मान देने के लिए फादर्स डे की परंपरा की शुरुआत हुई।
अमेरिका से हुई शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका के वाशिंगटन में स्पेनाको शहर में रहने वाली 16 वर्षीय लड़की सोनारो डोड के पिता की 1907 में खनन गुफा के धसकने से दबकर मौत हो गई। उसके पिता सैनिक थे और मरने के वक्त वह ड्यूटी पर तैनात थे। हादसे में बड़ी 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई। अन्य बच्चों की तरह ही सोनोरा ने भी अपने पिता को खो दिया था।
1909 में पहला फादर्स डे
पिता के दुख में डूबी सोनोरा ने वर्जीनिया के फेयरामोंट चर्च में अपील करते हुए कहा 200 से ज्यादा बच्चे अपने पिता को खो चुके हैं। मृत पिताओं के सम्मान में फादर्स डे मनाया जाए। कुछ रिपोर्ट के अुनसार सोनोरा के प्रस्ताव पर जब विचार में लंबा समय लगने लगा तो उसने 19 जून 1909 में अपने पिता को याद करते हुए पहली बार फादर्स डे मनाया।
1910 में आधिकारिक घोषणा
सोनोरा के फादर्स डे मनाने का प्रस्ताव 1910 में तत्कालीन चर्चित ओल्ड सेन्टेनरी प्रेस्बिटेरियन चर्च के पादरियों के पास पहुंचा। कुछ समय बाद ही सोनोरा के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और 1910 में आधिकारिक तौर पर पहली बार फादर्स डे सेलीब्रेट किया गया। सोनोरा ने इस दिन अपने शहर के बीमार पिताओं को उपहार बांटे।
कई देशों में छुट्टी तो कई जगह तारीख अलग
अमेरिका से फादर्स डे मनाने की शुरु हुई परंपरा का खूब प्रचार प्रसार किया गया। धीरे धीरे पश्चिमी देशों से होते हुए फादर्स डे पूरी दुनिया में मनाया जाने लगा। पिछले कई सालों से भारत में भी फादर्स डे को खुशी से सेलीब्रेट किया जाता है। कई देशों में फादर्स डे मनाने की तारीख अलग अलग भी है। वहीं, कई देशों में इस दिन अवकाश भी रहता है।…NEXT
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