हम में से ज्यादातर लोग जिंदगी में कुछ न कुछ बड़ा काम करना चाहते हैं लेकिन बहुत कम लोग ऐसे हैं, जिनका सपना पूरा हो पाता है। सरोजनी नायडू एक ऐसा नाम जिन्हें हम सभी ने किताबों में पढ़ा है। सरोजिनी नायडू उन महिलाओं में शामिल हैं, जिन्होंने भारत को आजादी दिलाने के लिए कड़ा संघर्ष किया था। सरोजिनी नायडू को लोग भारत कोकिला के नाम से जानते हैं। स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और देश की पहली महिला गवर्नर सरोजिनी नायडू ने बचपन में ही अपने हुनर का परिचय दे दिया था। उन्होंने 12 साल की उम्र में सरोजिनी नायडू ने बड़े अखबारों में आर्टिकल और कविताएं लिखना शुरू कर दिया था।
देश की पहली महिला गर्वनर, 19 साल की उम्र में हुई थी शादी
सरोजिनी नायडू कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थी। इतना ही वह किसी राज्य की पहली गवर्नर भी थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के गवर्नर का पद भार संभाला था। सरोजिनी नायडू के पिता अघोरनाथ चट्टोपध्याय एक वैज्ञानिक और शिक्षाशास्त्री थे। उनकी माता वरदा सुंदरी कवयित्री थीं और बंगाली भाषा में कविताएं लिखती थीं। सरोजिनी नायडू की शादी 19 साल की उम्र में गोविंदाराजुलु नायडू से हुई थी।
सरोजिनी नायडू ने साहित्य के क्षेत्र में खास योगदान दिया। बचपन से ही वह कविताएं लिखा करती थीं। उनकी कविताओं का पहला संग्रह ”द गोल्डन थ्रेसहोल्ड” 1905 में प्रकाशित हुआ था। उनकी उच्च शिक्षा लंदन के किंग्स कॉलेज और बाद में कैम्ब्रिज के गिरटन कॉलेज से हुई थी। सरोजिनी नायडू ने गांधी जी के अनेक सत्याग्रहों में भाग लिया और 1942 में ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन में जेल भी गईं।
कई भाषाओं का ज्ञान रखती थीं सरोजने नायडू
सरोजिनी नायडू बहुभाषाविद थी और क्षेत्रानुसार अपना भाषण अंग्रेजी, हिंदी, बंगला या गुजराती में देती थीं। लंदन की सभा में अंग्रेजी में बोलकर इन्होंने वहां उपस्थित सभी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया था। सरोजिनी नायडू को ”द नाइटिंगेल ऑफ इंडिया” के नाम से जाना जाता है…Next
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