‘भूत पिशाच निकट न आवे महावीर जब नाम सुनावे’ बचपन में जब भी हमें डर लगता है हम हनुमान जी को याद कर लिया करते थे। आज भी ऐसा होता है कि संकटमोचन के रूप में भगवान हनुमान को याद किया जाता है। आज हनुमान जयंती है, ऐसे में पूरे देश में उनका जन्मदिन उत्सव की तरह मनाया जाता है। हम बहुत-सी पौराणिक कहानियां सुनते हैं जिसमें भगवान हनुमान को हर युग में रहने का प्रसंग मिलता है। कहते हैं वो एक अवतार हैं, जो जीवन-मृत्यु से परे अमर हैं। आइए, जानते हैं उन्हें क्यों कहते हैं अमर।
शिव के 11 अवतारों में से एक है हनुमान
ग्रंथों में उल्लेहख मिलता है कि त्रेतायुग में जब भगवान श्रीराम का जन्मत हुआ तो एक दिन भोलेनाथ ने माता पार्वती से पृथ्वीेलोक पर अपने प्रभु श्रीराम के पास जाने की इच्छा जाहिर की। इसके बाद माता ने उनसे कहा कि यदि शिव पृथ्वील पर चले गए तो मां भी उनके बिना नहीं रह पाएंगी। ऐसी स्थिति में शंभू ने माता पार्वती के विरह की बात पर विचारकर अपने 11 रूद्रों की कथा मां से कही और उन्हेंं बताया कि इन्हींव 11 रूद्रों में से एक हनुमान अवतार है जो कि वह लेने जा रहे हैं।
मां सीता ने दिया है भगवान हनुमान को अमरता का वरदान
वाल्मीकि रामायण के अनुसार लंका में बहुत ढूढ़ने के बाद भी जब माता सीता का पता नहीं चला तो हनुमानजी उन्हें मृत समझ बैठे। लेकिन फिर उन्हें भगवान श्रीराम का स्मरण हुआ और उन्होंने पुन: पूरी शक्ति से सीताजी की खोज प्रारंभ कर दी। इसके बाद वह मां से अशोक वाटिका में मिलते हैं। उस समय ही माता जानकी ने हनुमान को अमरता का वरदान दिया था। यही वजह है कि हर युग में हनुमान भगवान श्रीराम के भक्तों की रक्षा करते हैं। एक और उल्ले ख मिलता है हनुमान चालीसा की एक चौपाई में। जहां लिखा है- ‘अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता। अस बर दीन्ह जानकी माता। ’अर्थात ‘आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते हैं।
जब माता सीता के सामने रोने लगे हनुमान
वाल्मिकी रामायण में एक और प्रसंग है, इसके अनुसार जब हनुमान को स्मरण होता है कि भगवान राम का समय अब पृथ्वी पर पूरा हो गया है तो वो रोकर माता सीता से कहते हैं कि ‘आप वरदान वापस ले लीजिए, जब भगवान राम ही नहीं रहेंगे तो पृथ्वी पर मैं अकेला क्या करूंगा’ भगवान राम यह बात सुनकर हनुमान के सामने प्रकट होते हैं और कहते हैं कि ‘एक ऐसा समय आएगा जब कलियुग का बोलबाला होगा और हर तरफ पाप ही पाप होगा। ऐसे में तुम मेरे भक्तों और धर्म-कर्म पर भरोसा करने वाले लोगों को मार्ग दिखाना। तुम हमेशा ही मेरे भक्तों की रक्षा करोगे’…Next
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