Menu
blogid : 26149 postid : 1730

Birthday Special : जिस समाज की सच्चाई मुंशी प्रेमचंद ने लिखते रहे, उसी ने शादी की वजह से उनका बहिष्कार कर दिया था

‘आज दस साल से जब्त कर रहा हूं। अपने नन्हे से हृदय में अग्नि का दहकता हुआ कुंड छिपाए बैठा हूं। संसार में कहीं शांति होगी, कहीं सैर- तमाशे होंगे, कहीं मनोरंजन की वस्तुएं होगी। मेरे लिए तो अब ये अग्निराशि है और कुछ नहीं। जीवन की सारी अभिलाषाएं इसी में जलकर राख हो गई। अब किससे अपनी मनोव्यथा कहूं? फायदा ही क्या? जिसके भाग्य में रूदन, अंनत रूदन हो, उसका मर जाना ही अच्छा…’
ये पंक्तियां है मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी ‘विद्रोही’ की। अपने शब्दों से मन भेदने वाले मुंशी प्रेमचंद की जिंदगी भी इन शब्दों से काफी हद तक मेल खाती थी।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal31 Jul, 2019

 

मुंशी प्रेमचंद की विभिन्न समाचार पत्रों में छपी पुरानी तस्वीर

 

उनकी कहानियां इतनी सरल है कि स्कूल के दिनों में उन्हें पढ़ना सबसे आसान लगा। उनके बाद ही पता चला ‘लेखक’ क्या होता है। सरल थे इसलिए बचपन में अपनी मर्जी से उन्हें पढ़ा करते थे, जटिल होते तो शायद बाकी किताबों की तरह सिलेबस तक ही सीमित रह जाते। भाषा की सरलता की भी अपनी अलग ही खूबसूरती है।

आज प्रेमचंद का जन्मदिन है, आइए उनकी जिंदगी के पन्नों को एक बार फिर से पलटते हैं। प्रेमचंद जिनका नाम रखा गया धनपतराय। बचपन न सिर्फ घोर गरीबी में बिता बल्कि प्यार और ममता की छांव का भी अभाव रहा। मां उस वक्त गुजर गई जब 8 साल की उम्र में प्रेमचंद को मां होने के मायने भी नहीं पता थे। पिताजी ने दूसरी शादी कर ली। दूसरी मां पिताजी की पत्नी तो बन गई लेकिन नन्हे प्रेमचंद की कभी मां नहीं बन पाई। घर में गरीबी और तंग हालातों को लेकर आए दिन झगड़ा होता रहता था।

 

प्रेमचंद की पहली शादी
प्रेमचंद की ऑटोबॉयोग्राफी ‘My Life and Times: Munshi Premchand’ में मुंशी जी लिखते हैं।

‘उम्र में वह मुझसे ज्यादा थी। जब मैंने उसकी सूरत देखी तो मेरा खून सूख गया। उसके साथ-साथ जुबान की भी मीठी न थी। उन्होंने अपनी शादी के फैसले पर पिता के बारे में लिखा है, पिताजी ने जीवन के अंतिम सालों में एक ठोकर खाई और स्वयं तो गिरे ही, साथ में मुझे भी डुबो दिया। मेरी शादी बिना सोचे समझे कर डाली। प्रेमचंद ने अपनी एक कहानी में अपने जीवन के इस कड़वे अनुभव को कुछ इन शब्दों में उकेरा है। प्रेमचंद की शादी उनके पिता ने 15 साल की उम्र में करवा दी थी। उनके और पत्नी के बीच हमेशा ही अनबन होती रही। उनके जीवन में प्रेम का अभाव रहा। फिर एक दिन आर्थिक तंगी की वजह से पत्नी घर छोड़कर चली गईं।

 

मुंशी प्रेमचंद की लिखे उपन्यास ‘निर्मला’ का कवर पेज

 

प्रेमचंद को लेखन की वजह से मिली थी धमकी
शुरुआत में वो अपना नाम नवाब राय लिखा करते थे। जब उनकी पहली रचना सोज़े-वतन प्रकाशित हुई। पांच कहानियों के इस संग्रह ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया। इन कहानियों में जनता की तकलीफों का खुला जिक्र था। इसके बाद उनकी खोज हुई और धमकियां मिलीं। सोज़े वतन की प्रतियां जला दी गईं, जिसके बाद प्रेमचंद ने अपना नाम नवाबराय से बदलकर प्रेमचंद कर दिया और लिखते रहे।

 

बाल विधवा से की दूसरी शादी

प्रेमचंद सिर्फ समाज के पतन और बदलाव की कहानियां ही नहीं लिखते थे बल्कि उन्होंने खुद अपने जीवन में भी एक ऐसा कदम उठाया था, जो उस वक्त के समाज के लिए किसी अपराध से कम नहीं था। 1905 के आखिरी दिनों में प्रेमचंद ने बाल विधवा हो चुकी शिवरानी देवी से शादी करने का फैसला लिया। शिवरानी से शादी के बाद कई समाजों ने उनका बहिष्कार भी किया, काफी परिचित लोगों से उनकी कई दिनों तक बातचीत तक बंद रही लेकिन उन्होंने अपने फैसले को नहीं बदला। शिवरानी से शादी का फैसला उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव लेकर आया। उनकी जिंदगी में पहली बार प्यार की दस्तक हुई और घर एक स्वर्ग जैसा बन गया। ‘My Life and Times: Munshi Premchand’ किताब में इस बात का जिक्र है।

 

नाम के साथ मुंशी जोड़ने की वजह!
प्रेमचंद के नाम के आगे मुंशी क्यों लगाया जाता है इसके बारे में कुछ दावे के साथ तो नहीं कहा जा सकता लेकिन माना जाता है कि प्रेमचंद अध्यापक थे, उन दिनों अध्यापकों को मुंशी कहकर सम्बोधित किया जाता था। वहीं कुछ लोगों का ये भी मानना है कि प्रेमचंद कायस्थ थे इसलिए उन्हें प्यार से सम्बोधित करते हुए मुंशी कहा गया…Next

 

 

Read More :

24 घंटे में इस गाने को मिले 5 करोड़ से ज्यादा व्यूज, गंगनाम स्टाइल का तोड़ा रिकॉर्ड

जिन लोगों के लिए 16 सालों तक अनशन पर रही इरोम शर्मिला, वही उनकी प्रेम कहानी के ‘विलेन’ बन गए

भारतीय मूल के बिजनेसमैन ने एक साथ खरीदी 6 रोल्स रॉयस कार, चाबी देने खुद आए रोल्स रॉयस के सीईओ

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh