दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान हिरोशिमा पर गिरे परमाणु बम लिटिल ब्वॉय ने अब तक सबसे खौफनाक मंजर पैदा किया था। इस मंजर को दुनिया आज तक नहीं भुला पाई है। आज से ठीक 75 साल पहले जापान के हिरोशिमा शहर में दुनिया का पहला परमाणु बम हमला किया गया था। इस हमले से पलक झपकते ही करीब ढेड़ लाख लोग राख का ढेर बन गए थे।
दूसरे विश्वयुद्ध में जापान बन गया था सबसे बड़ा खतरा
दूसरे विश्वयुद्ध में अमेरिका ने जर्मनी पर काबू पा लिया था, लेकिन जापान के हमलों से उसे भारी नुकसान हो रहा था। जापान ने अमेरिका के बंदरगाह पर्ल हार्बर को हमले में पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था और चीन की सेना को खदेड़ते हुए बीजिंग पर कब्जा कर लिया था। जापान की सेना लगातार जीत हासिल कर रही थी।
परमाणु बम ने 60 सेकेंड में इंसानों को राख बना दिया
जापान की जीत से विश्वयुद्ध खत्म नहीं हो रहा था। युद्ध के खात्मे के लिए अमेरिका ने जापान के प्रमुख शहर हिरोशिमा पर 6 अगस्त 1945 को परमाणु बम लिटिल ब्वॉय से हमला कर दिया। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक परमाणु बम गिरने के 60 सेकेंड में शहर की एक तिहाई आबादी मौत की नींद सो गई।
1.40 लाख लोग पलक झपकते ही मौत की नींद सो गए
अमेरिका के इस परमाणु हमले से 3.50 लाख की आबादी वाला हिरोशिमा शहर तबाह हो गया। यहां के 1.40 लाख लोग तत्काल मर गए। मरने वालों में 20 हजार जापानी सैनिक थे, जबकि बाकी आम नागरिक थे। परमाणु हमले के बाद भी बड़ी संख्या में लोगों की मौत रेडिएशन और उससे उपजी बीमारियों के चलते हुई।
बम के रेडिएशन से वीरान हो गया हिरोशिमा
परमाणु हमले के कई साल बाद तक हिरोशिमा की जमीन पर एक अंकुर भी नहीं फूटा था। यहां बचे लोग रेडिएशन के कारण त्वचा और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों के शिकार हो गए थे। कई सालों बाद भी हिरोशिमा में नवजातु शिशु किसी न किसी बीमारी को साथ लेकर पैदा होते थे। दुनिया ने हिरोशिमा में अब तक सबसे भयानक मंजर देखा था।
मेयर ने कहा- हमने शांति के प्रतीक के तौर मिसाल पेश की
परमाणु हमले के 75 बरस होने पर हिरोशिमा शहर के मेयर ने काजुमी मात्सुई ने कहा कि उस वक्त पर लोगों में अफवाह थी कि अगले 75 सालों तक यहां कुछ भी पैदा नहीं होगा, जमीन बंजर रहेगी। लेकिन, इन 75 सालों में हमने खुद को संभाल लिया है और हिरोशिमा को शांति के प्रतीक के तौर दुनिया के सामने पेश किया है।…NEXT
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