Menu
blogid : 26149 postid : 1853

अमेरिका के परमाणु हमले ने खत्म कर दी हिरोशिमा की 2 लाख जिंदगियां, लेकिन 392 साल पुराना पेड़ इस भयावह इतिहास का गवाह बन गया

हिरोशिमा (जापान) एक ऐसा नगर जो विश्व में सबसे पहले परमाणु हमले का शिकार हुआ। 1945 में जब विश्व युद्ध II अंतिम चरण में था, उसी समय 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने हिरोशिमा के ऊपर परमाणु बम से हमला कर दिया जिसके परिणाम स्वरुप 78,000 लोग तुरंत मौत के मुँह में समा गए और यह आँकड़ा धीरे धीरे 2 लाख तक पहुँच गया।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal27 Aug, 2019

 

 

bonsii

 

लेकिन इतनी बड़ी त्रासदी के बीच यदि कोई सुरक्षित था तो वह था यमकी, उनका परिवार और उनके आँगन में लगा बोन्साई का एक पेड़ जो उस समय हिरोशिमा में घटित दुःखद दृश्यों के साक्षी थे। यह यमकी और उनके परिवार का सौभाग्य था कि बम गिरने वाले स्थान से मात्र 2 मील की दूरी पर स्थित होने के बावजूद उनको सिर्फ खरोंचे ही आयी और बाहर बगीचे में लगा यह पेड़ ऊँची दीवार के कारण सुरक्षित बच गया।

 

 

tree

 

 

इस घटना के 30 साल बाद 1976 में ‘बोन्साई’ के मालिक ने इस नन्हे और छोटे से पेड़ को अमेरिका को उसकी स्वतंत्रता की 200 वीं वर्षगाँठ के समारोह उत्सव के मौके पर अमेरिका के राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान को भेंट में दे दिया था, जो कई सालों तक यहाँ पर गुमनामी के अँधेरे में खड़ा हुआ था। यमकी के परिवार के अलावा दुनियाँ के सभी लोग इस नन्हे छोटे पेड़ की कहानी से अनभिज्ञ थे।

 

Hiroshima

 

 

यमकी के पोते और पोती उस पेड़ को देखना चाहते थे जिसकी जिसकी कहानी सुन वह बड़े हुए थे और इसकी तलाश में वह दोनों अमेरिका के राष्ट्रीय वनस्पति उद्यान में पहुँचे। बोन्साई के इस पेड़ का सच जब वहाँ उपस्तिथ लोगों को पता लगा तो सबके आश्चर्य का ठिकाना न रहा। उन्होंने बताया कि इस बोन्साई के पेड़ ने उनकी 5 से 6 पीढ़ियों का सफर देखा है और यह अब लगभग 392 साल का हो चुका है। 2001 तक यह आश्चर्यजनक सत्य एक रहस्य बना हुआ था। इसके बाद बोन्साई को अमेरिका की राष्ट्रीय वनस्पति वाटिका में विशेष स्थान प्रदान किया गया और हिरोशिमा अटैक की 70 वीं बरसी पर शान्ति का प्रतीक मानते हुए अमेरिका द्वारा इस पेड़ को विशेष सम्मान प्रदान किया गया था।…Next

 

 

Read More :

24 घंटे में इस गाने को मिले 5 करोड़ से ज्यादा व्यूज, गंगनाम स्टाइल का तोड़ा रिकॉर्ड

जिन लोगों के लिए 16 सालों तक अनशन पर रही इरोम शर्मिला, वही उनकी प्रेम कहानी के ‘विलेन’ बन गए

टेलीफोन का आविष्कार करके अपनी गर्लफ्रैंड को अमर कर गए ग्राहम बेल, आज ही के दिन 1881 में छुआ था एक और मुकाम

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh