हमें आजादी मुफ्त में नहीं मिली। इसके लिए हमें ऐसी कीमत चुकानी पड़ी है। जिसकी भरपाई कभी नहीं हो सकती है। आप आजादी की बात करेंगे, तो आपको इसके साथ ही संघर्ष और क्रांति से जुड़ी हुई कई कहानियां भी मिलेगी। आज ऐसा ही ऐतिहासिक दिन है, जिसे हमेशा याद किया जाएगा। आज के दिन अंग्रेजों ने ओडिशा के पुरी में सोना लूटकर अपना कब्जा जमाया था।
जगन्नाथ पुरी मंदिर पर कब्जा करना था मकसद
18 सितंबर 1803 में अंग्रेजों ने ओडिशा के पुरी पर कब्जा कर मंदिर का खजाना लूट लिया था। जगन्नाथपुरी ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में स्थित है। अपनी भव्यता के लिए मशूहर जगन्नाथ पुरी स्थित मंदिर का इतिहास लगभग 7वीं सदी से पहले का है।
ओडिशा के जगन्नाथ पुरी पर अंग्रेजी हुकूमत ने भी डाका डाला। 1757 में प्लासी के युद्ध के बाद बंगाल का कुछ क्षेत्र अंग्रेजी हुकूमत के पास चला गया था। इसके बाद 1803 में ही उन्होंने मराठा सेना को हराया।
अंग्रेजों का हौसला तब और भी बुलंद हो गया, जब उन्होंने ओडिशा पर आक्रमण करने की योजना बनाई। उनकी इस योजना का मकसद ओडिशा के जगन्नाथ पुरी मंदिर पर कब्जा करना था। इसी के परिणामस्वरूप 18 सितंबर 1803 में अंग्रेजों ने ओडिशा की संपत्ति के केंद्र पुरी के जगन्नाथ मंदिर पर धावा बोल दिया। उस समय ओडिशा के राजा मुकुंददेव द्वितीय थे। ब्रिटिशों ने यह ठान रखी थी कि यहां का खजाना किसी भी दम पर खाली कर देना है।
इसके चलते अंग्रेजी हुकूमत ने ओडिशा का खजाना कुछ ही दिनों में खाली कर दिया।
अंग्रेजों को नहीं करनी पड़ी थी ज्यादा मेहनत
कहा जाता है कि इस लड़ाई में अंग्रेजों की रणनीति इतनी मजबूत थी कि उन्हें पुरी पर कब्जा जताने के लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी थी।
वहीं पुरी सबसे मजबूत साम्राज्य में से एक था……Next
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