एक ओर मनुष्य कोरोना महामारी से जूझ रहा है। वहीं, मधुमक्खियों भी अपने जीवन को बचाने के लिए अलग तरह की महामारी की चपेट में आ रही हैं। जीव वैज्ञानिकों की रिसर्च में खुलासे के बाद यह बात सामने आई है कि मधुमक्खियों का जीवन संकट में आ गया है।
कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी ने जारी किए डॉक्यूमेंट
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी के बाद दस्तावेज जारी किया है। जिसमें बताया गया है कि किस तरह से मुधमुक्खियां एक खास तरह के संक्रमण की चपेट में आ रही हैं। स्टडी में पाया गया है कि यूरोप में फूलों से खास तरह का जानलेवा फंगस (कवक) निकलकर मधुक्खियों को अपना शिकार बना रहा है।
फूलों से फैल रहा नोसिमा फंगस
रिसर्चर्स के मुताबिक जब मधुमक्खियां परागण के दौरान फूलों पर बैठती हैं तब वह इस जानलेवा फंगस से ग्रसित हो जाती हैं। वैज्ञानिकों ने इस फंगस को नोसिमा नाम दिया है। नोसिमा के संपर्क में आते ही मधुमक्खियां मरने लगती हैं। नोसिमा में मौजूद पैरासाइट मधुमक्खी के शरीर को खा जाते हैं।
वैज्ञानिकों ने महामारी घोषित किया
कोलोराडो बोल्डर यूनिवर्सिटी की स्टडी में खुुलासा किया गया है कि नोसिमा दुनियाभर में फैल रहा है और मधुमक्खियों में महामारी बनता जा रहा है। अब तक इस फंगस की वजह से अमेरिका, ब्राजील, रूस, कनाडा, दक्षिण अफ्रीका और केन्या में बड़ी संख्या में मधुमक्खियां मारी गई हैं।
मधुमक्खियों के जीवन के लिए सबसे बड़ा संकट
रिसर्चस ने बताया है कि नोसिमा मधुमक्खियों में महामारी की तरह फैल रही है। नोसिमा से संक्रमित मधुमक्खी की जगह बैठने वाली दूसरी मधुमक्खी इस फंगस की चपेट में आ जाती है। इस तरह से यह संक्रमण एक से दूसरी मधुमक्खी में फैल रहा है। रिसर्च में चिंता जताई गई है कि मधुमक्खियों की यह बीमारी उनके जीवन के लिए सबसे बड़ा सकंट बनकर उभरी है।…NEXT
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