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International Dance Day : डांस रियलिटी शो देख-देखकर हम डांस का असली मतलब भूल गए हैं! ऐसे अस्तित्व में आया डांस

नृत्य यानी अंग्रेजी में डांस का इतिहास मानव इतिहास जितना ही पुराना है। वेद-पुराण में वर्णित कहानियों, गुफाओं में उकेरे हुए प्राचीन चित्रों, खुदाई में मिली नृत्य की मुद्राओं वाली मूर्तियों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि नृत्य का सम्बध भावनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता था। सबसे पहले प्रसन्नता या उल्लास को व्यक्त करने के लिए नृत्य अस्तित्व में आया। आदि मानव ने जब भोजन के रूप में जानवरों को खाने का रास्ता तलाशा, तो शिकार करने के बाद हवा में हाथ उठाकर झूमने लगे। इसके बाद सभ्यताओं के अस्तित्व में आने के बाद नृत्य भावनाओं को व्यक्त करने का माध्यम बन गया। प्राचीनतम ग्रन्थ भरत मुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ में हमें नृत्य की कई कलाएं औए अहम जानकारी मिलती हैं।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal29 Apr, 2019

 

 

सीधे तौर पर देखा जाए, तो ज्यादातर डांस का सम्बध खुशी से है। कई सभ्यताओं से गुजरते हुए नृत्य हमें एक विरासत की तरह मिला है। आदिमानव ने नृत्य को तलाश किया और आधुनिक महामानव ने नृत्य को खुशी से अलग करते हुए डांस शो, डांस स्टेज, डांस बार आदि-आदि चीजें बनाईं।
डांस के इस व्यवासायिकरण में डांस को जज करने के लिए पैनल बिठाया गया। जो जज करते है कि किसका डांस मूव बेहतर है या कौन अगला डांसिंग स्टार बनने के लायक है।

 

 

कुछ चुन लिए गए और बाकी निकाल दिए गए। वोट अपील करके किसी एक को जिताने के लिए कहा गया। मतलब डांस तो खुशी व्यक्त करने का माध्यम था न! आप कैसे जज कर सकते हो कि किसने खुशी अच्छे से व्यक्त की, जबकि कलाकार खुशी व्यक्त करना तो दूर अंदर से डरा हुआ है कि कहीं निकाल न दिया जाऊं। बच्चे जो खुशी से पलंग पर चढ़कर नाच सकते थे, वो स्टेज पर चमकीले कपड़ों में लपेटकर खड़े कर दिए गए। डांस न जमने पर निकाले गए तो रो पड़े। यहां डांस का असल मतलब बदल गया। पब/बार में खुशी से झूमने के लिए ड्रेस कोड लगाया गया। पार्टी में डांस के बदले कपड़ों और मेकअप को जज किया गया। खुशी से झूमने के लिए कितने ढकोसले करने पड़े। क्या सच में डांस का मतलब खुशी होता था?

 

 

नीचे एक गाने का वीडियो है। इस गाने में दो अनजाने चेहरे हैं। मास्क पहने हुए। शो के हिसाब से डांस मूव ऐसा कि ऑडिशन में रिजेक्ट कर दिए जाएं लेकिन किसी की परवाह नहीं। न महंगे कपड़ों की परवाह, न समाज की सोच का डर। नाचने आए हैं, खुशी से झूमने के लिए हाथ थामा है एक दूसरे का, वही किया और सभी को डांस के असल मतलब में शामिल कर लिया।  गाने के लिरिक्स बेहतरीन है और अर्थ उम्दा।

 

 

इस मिसफिट डांस में भी एक सुकून है। आप भी हार-जीत का डर छोड़कर और किसी प्रतियोगिता का तनाव लिए बिना दिल खोलकर नाचो, झूमो, गाओ और मुस्कुराओं। नाचने के लिए खुशी के अलावा किसी चीज की जरुरत नहीं है। ढेर उदासियों के बीच खुशी कहीं दबी हुई है, अपने भीतर झांककर देखिए, मिल जाएगी।…Next

 

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