स्कूल के दिनों में हम में से ज्यादातर लोगों को लगता था कि हिन्दी हमारी मातृभाषा है लेकिन बड़े होने पर पता चला कि भारत की कोई मातृभाषा नहीं, ये विविधताओं का देश है यही भारत की खूबसूरती है। यहां 1365 भाषाएं बोली जाती हैं। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, विश्व में बोली जाने वाली कुल भाषाएं लगभग 6900 है। इनमें से 90 फीसद भाषाएं बोलने वालों की संख्या एक लाख से कम है। दुनिया की कुल आबादी में तकरीबन 60 फीसदी लोग 30 प्रमुख भाषाएं बोलते हैं, जिनमें से दस सर्वाधिक बोले जानी वाली भाषाओं में जापानी, अंग्रेजी, रूसी, बांग्ला, पुर्तगाली, अरबी, पंजाबी, मंदारिन, हिंदी और स्पैनिश है।
विद्रोह से अस्तित्व में आया अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस
साल 2000 में इस दिन को यूनाइटेड नेशन ने अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया था। 21 फरवरी 1952 को ढाका यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने तत्कालीन पाकिस्तान सरकार की भाषायी नीति का कड़ा विरोध जताते हुए अपनी मातृभाषा का अस्तित्व बनाए रखने के लिए विरोध प्रदर्शन किया।
पाकिस्तान की पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसानी शुरू कर दीं लेकिन लगातार विरोध के बाद सरकार को बांग्ला भाषा को आधिकारिक दर्जा देना पड़ा। भाषायी आंदोलन में शहीद हुए युवाओं की स्मृति में यूनेस्को ने पहली बार 1999 में 21 फरवरी को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में भाषायी और सांस्कृतिक विविधता और बहुभाषिता का प्रसार करना है। भाषा की मनुष्य के जीवन में अहम भूमिका है। भाषा के माध्यम से ही देश ही नहीं बल्कि विदेशों के साथ संवाद स्थापित किया जा सकता है।…Next
Read More :
एक्ट्रेस ही नहीं सिंगर भी है मिस यूनिवर्स 2018 कैटरिओना ग्रे, जानें उनकी खास बातें
1.23 अरब रुपये की है दुनिया की यह सबसे महंगी लग्जरी सैंडिल, इसके आगे कीमती ज्वैलरी भी फेल
Read Comments