कोरोना महामारी से बचने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनेटाइजर से खुद को साफ रखने का सुझाव दिया है। इससे कोरोना वायरस के संक्रमण से बचा जा सकता है। हैंड सैनेटाइजर बनाने के लिए रिसर्चर्स ने कचरे का इस्तेमाल किया है और इसमें कामयाबी मिल गई है। कचरे के इस्तेमाल से हैंड सैनेटाइजर बनाने को पर्यावरण की दिशा में भी बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।
इजरायल के रिसर्चर्स का कमाल
समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक इजराइल की तेलअवीव यूनिवर्सिटी की रिसर्च टीम ने कोरोना महामारी से जंग जीतने के लिए मामूली खर्च में हैंड सैनेटाइजर बनाने के इरादे से कचरे का इस्तेमाल किया। कचरे से पहले एथनॉल बनाया गया और फिर उससे हैंड सैनेटाइजर बनाने में कामयाबी पाई है। यह सैनेटाइजर बेहद मामूली खर्च में बना है और इससे देश के अरबो रुपये बचने वाले हैं।
5 सालों की मेहनत रंग लाई
समाचार वेबसाइट द टाइम्स आफ इजराइल की रिपोर्ट के अुनसार प्रोफेसर हादास मामने और उनकी टीम कचरे को अल्कोहल में बदलने के काम में पिछले 5 सालों से जुटे हुए थे। अब इसका रिजल्ट सामने आ गया है। कचरे से बना एथनॉल अब हैंड सैनेटाइजर के तौर इस्तेमाल किया जा सकेगा। इससे इजरायल को अब हैंड सैनेटाइजर के लिए एल्कोजेल्स दूसरे देशों से आयात करने की जरूरत नहीं होगी।
कैसे रिसाइकिल हुआ कचरा और बना अल्कोहल
प्रोफेसर हादास ने बताया कि वह कचरे को रिसाइकिल कर अल्कोहल बनाने की दिशा में वह पिछले 5 सालों से काम कर रही हैं। उन्होंने एथनॉल बनाने के लिए फैक्ट्री में इस्तेमाल हो चुके पेपर के टुकड़े, कुछ प्लास्टिक के टुकड़े और चिड़ियाघर की बेकार घास समेत अन्य कचरे को इकट्ठा किया। कचरे को रिएक्टर में डालने के बाद ओजोन गैस का हल्का डोज इस्तेमाल किया। इस मेथड के अलावा कुछ और तकनीक का इस्तेमाल करने के बाद एथनॉल बनाने में सफलता मिल गई।
पर्यावरण की दिशा में बड़ी कामयाबी
प्रोफेसर हादास ने कहा कि इस प्रक्रिया में बेहद मामूली खर्च हुआ और कम संसाधनों का इस्तेमाल करना पड़ा है। एथनॉल से सैनेटाइजर बनाने में अब कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा कि पहले भी सब्जियों से एथनॉल बनाया जाता रहा है। कचरे से इसे बनाने के बाद सैनेटाइजर की दिशा का रोड़ा दूर हो गया है। यह कामयाबी पर्यावरण के लिए भी अच्छी बात है।
इजराइल के बच जाएंगे अरबों रुपये
इजराइल के रिसर्चर्स की इस कामयाबी की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। इस सफलता से इजरायल के कचरे को ठिकाने लगाने का सही स्रोत भी हासिल हो गया है। वहीं, माना जा रहा है कि इस कामयाबी इजरायल के अरबो रुपये जो एथनॉल आयात करने में खर्च होते थे वह बच जाएंगे।…NEXT
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