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आज के दिन अंतरिक्ष में हमेशा के लिए समा गई थी कल्पना चावला, धरती पर लौटने के 16 मिनट पहले ही क्रैश हो गया यान

अंतरिक्ष में कई ऐसे रहस्य छुपे हुए हैं, जिनके बारे में जानने की वैज्ञानिक कोशिश करते रहते हैं। फिर भी ऐसे कई रहस्य हैं जिनके बारे में कोई नहीं जानता। इन्हीं रहस्यों को जानने के लिए कल्पना चावला अपने 6 दोस्तों के साथ कोलंबिया अंतरिक्ष यान में सवार हुई थी, लेकिन धरती पर वापस आते वक्त प्लेन ब्लास्ट हो गया और अपने 6 साथियों के साथ कल्पना हमेशा के लिए अंतरिक्ष में समा गई। 1 फरवरी का वह दिन, इतिहास में आज भी एक ‘युग के अंत’ के तौर पर दर्ज है, जब कल्पना चावला का निधन हुआ। साल 2003 में 1 फरवरी को उनकी दूसरी अंतरिक्ष यात्रा आखिरी यात्रा साबित हुई।

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal1 Feb, 2019

 

 

उड़ने की इच्छा ने बनाया अंतरिक्षयात्री
शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई। जब वह आठवीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजिनियर बनने की इच्छा जाहिर की। पिता उन्हें डॉक्टर या टीचर बनाना चाहते थे। परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कल्पना की दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में थी। वह अकसर अपने पिता से पूछा करती थीं कि ये अंतरिक्षयान आकाश में कैसे उड़ते हैं? क्या मैं भी उड़ सकती हूं? पिता बनारसी लाल उनकी इस बात को हंसकर टाल दिया करते थे। उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में कराटे सीखा। उन्होंने बैडमिंटन भी खेला और दौड़ों में भाग लिया। अपने सपनों की उड़ान भरने के लिए वह 1982 में अमेरिका गईं और यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस से एयरोस्पेस इंजिनियरिंग में मास्टर्स डिग्री ली। उनके पास सीप्लेन, मल्टि इंजन एयर प्लेन और ग्लाइडर के लिए कमर्शल पायलट लाइसेंस था। वह ग्लाइडर और एयरप्लेंस के लिए भी सर्टिफाइड फ्लाइट इंस्ट्रक्टर भी थे।

 

 

ऐसे शुरू हुआ था कल्पना का सफर
कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 को हरियाणा के करनाल जिले में हुआ था। कल्पजना अपने पिता बनारसी लाल चावला और मां संज्योती चावला की लाडली थी। कल्पेना ने अपनी शुरुआती पढ़ाई टैगोर बाल निकेतन से की। इसके बाद चंडीगढ़ से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की। कल्पपना के कदम यहीं नहीं थमे। कल्प।ना आगे की पढ़ाई करने अमेरिका चली गईं और 1984 में टेक्सस यूनिवर्सिटी से आगे की पढ़ाई की। कल्पना को मार्च 1995 में नासा के अंतरिक्ष यात्री कोर टीम में शामिल किया गया और उन्हें 1997 मंं अपनी पहली अंतरिक्ष उड़ान के लिए चुना गया।

 

 

धरती पर लौटने के 16 मिनट पहले ही क्रैश हो गया था यान
अंतरिक्ष यान कोलंबिया शटल STS-107 धरती से करीब 2 लाख फीट की ऊंचाई पर था। उसे धरती पर पहुंचने में महज 16 मिनट का समय लगने वाला था। लेकिन अचानक अंतरक्षि यान से नासा का संपर्क टूट गया और अगले कुछ मिनटों में इसका मलबा अमेरिका के टैक्सस राज्य के डैलस इलाके में फैल गया।

41 साल की उम्र में अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा की जो आखिरी साबित हुई। उनके वे शब्द सत्य हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं। हर पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए मरूंगी…Next

 

 

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