हम बचपन से लेकर आज तक आजादी के लिए अपनी जान की बाजी लगा चुके कई क्रांतिकारियों के बारे में पढ़ चुके हैं। वहीं। इन क्रांतिकारियों के साथ भारत के जवानों के शौर्य से जुड़ी ऐसी ही कहानियां है, जो हम पढ़ते या सुनते हैं। ऐसी ही कहानी है मार्शल अर्जन सिंह डीएफसी की, जिन्हें 1965 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध का हीरो भी कहा जाता है।
क्या था वो ऑपरेशन
1965 में जब पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम लॉन्च किया था तो उसी वक्त जम्मू-कश्मीर के अखनूर पर हमला बोल दिया। रक्षा मंत्रालय को खबर मिली तो वह चौकन्ना हो गया और सभी सेना प्रमुखों को बुला लिया। इसी मीटिंग में अर्जन सिंह से पूछा गया था कि पाक टैंकों को पस्त करने के लिए वह कितनी देर में हमला कर सकते हैं। इस अर्जन सिंह ने कहा कि बस 1 घंटा चाहिए। और अर्जन सिंह ने 1 घंटे के अंदर ही पाकिस्तान के टैंकों को रौंद दिया और उसके ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम को ध्वस्त कर दिया।
कोर्ट मार्शल से बचे थे अर्जन सिंह
अर्जन सिंह का उस वक्त कोर्ट मार्शल होते-होते रह गया था जब वह एक फ्लाइंग ऑफिसर थे और एक ट्रेनी पायलट का उत्साहवर्धन करने की कोशिश कर रहे थे। दरअसल उन्होंने केरल में एक घर के ऊपर अपने प्लेन से बहुत ही नीची उड़ान भरी। जब इस बारे में पड़ताल की गई और उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस तरह की तकनीक हर कैडट को फाइटर पायलट बनाने के बहुत जरूरी हैं और वह इसके जरिए अपने ट्रेनी पायलट को ट्रेन कर रहे थे।
अर्जन सिंह न सिर्फ बहादुर थे बल्कि बड़े दिल वाले थे।
उन्होंने एयर फोर्स के सैनिकों की मदद के लिए दिल्ली के पास स्थित अपने खेत और फार्म तक बेच दिया था। इससे उन्हें 2 करोड़ रुपये मिले, जो उन्होंने सेवानिवृत्त एयर फोर्स के सैनिकों के लिए बने ट्रस्ट को दे दिया था।…Next
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