फुटबॉल का महाकुंभ खत्म हो गया, लेकिन इस दौरान जर्मनी के स्टार फुटबॉलर मेसुत ओजिल पर जो आरपो लगे वो शायद किसी को भी परेशान कर दें। पिछले साल की विजेता टीम जर्मनी ने इस साल बेहद खराब प्रर्दशन किया और ग्रुप स्टेज से ही हारकर बाहर हो हई। ऐसे में उनके ही देश के लोगों ने उनपर नस्लवाद की टिप्पणी की और इन सबसे परेशान होकर ओजिल ने अपने अंतरराष्ट्रीय करियर को हमेशा हमेशा के लिए अलविदा कह दिया है।
जर्मनी के लोगों ने नहीं अपनाया
फुटबॉल पर एक बार फिर नस्लवाद का दाग लगा है, दरअसल जर्मनी के फुटबॉलर ओजिल मूल रूप से तुर्की के हैं लेकिन वो जर्मनी की तरफ से खेलते आ रहे हैं। ओजिल ने आरोप लगाया है कि मूल रूप से तुर्की का होने के कारण उन पर नस्लवादी टिप्पणियां की जाती हैं और अपमान होता है। विश्व कप ग्रुप स्टेज से ही जर्मनी के बाहर हो जाने के बाद लोग लगातार ओजिल पर उंगलियां उठा रहे थे। उनके प्रदर्शन के साथ-साथ उन्हें तुर्की के प्रेसीडेंट तायिप एरदोगन के साथ तस्वीर लेने के कारण निशाने पर लिया जा रहा था।
नहीं पहनूंगा कभी जर्मनी की जर्सी
ओजिल ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा कि, ‘अब मैं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जर्मनी के लिए नहीं खेलूंगा, क्योंकि मैं सोच रहा हूं कि लोगों की मेरे प्रति नस्लवाद और अपमान की भावना है। मैं गर्व और जोश के साथ जर्मनी की जर्सी पहनने का आदी हूं, लेकिन अब मैं ऐसा नहीं करूंगा। मुझे लगता है कि 2009 में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलने के बाद से मैंने जो हासिल किया, उसे भुला दिया गया है’। ओजिल ने लिखा, विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा होने, टैक्स अदा करने, और जर्मनी के स्कूलों में दान देने के बावजूद उन्हें जर्मन समाज ने स्वीकार नहीं किया।
मूल रूप से तुर्की के हैं मेसुत ओजिल
29 साल के ओजिल 2014 की फुटबॉल विश्व कप विजेता जर्मनी की टीम के प्रमुख खिलाड़ियों में थे। विश्व कप से कुछ समय पहले ओजिल की एक तस्वीर वायरल हुई थी, जिसमें वह तुर्की के राष्ट्रपति के साथ नजर आ रहे थे। इसके बाद से जर्मनी टीम के लिए ओजिल की वफादारी पर सवाल उठाए जाने लगे।
बेहद भावुक वजर आए ओजिल
ओजिल ने ट्विटर पर तीन मैसेज पिक्चर डालकर अपने दिल की बात लोगों के सामने रखी, उन्होंने जर्मनी के फुटबॉल संघ डीएफबी के अध्यक्ष पर निशाना साधा कि इस मुश्किल समय में उन्होंने ओजिल का साथ नहीं दिया। उनके टीम के कोच जोकिम पर भी उन्होंने यही आरोप लगाया, उनका कहना था कि ‘मेरे पास दो दिल हैं एक तुर्की तो एक जर्मनी के लिए हैं। अगर मेरी वजह से टीम जीते तो मैं जर्मन हूं और अगर हार गई तो एक शरणार्थी, यह गलत है। तुर्की के राष्ट्रपति के साथ तस्वीर खिंचाना मेरे राजनीतिक विचारों के लिए नहीं था बल्कि यह मेरी विरासत और पैतृक देश के लिए मेरा सम्मान करने का तरीका था इसे गलत तरह से लिया गया’।…Next
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