हम में से कुछ लोग ऐसे होते हैं जिनकी जिंदगी चुनौतियों से भरी होती है लेकिन फिर भी वो कभी हार नहीं मानते। उनकी हिम्मत और जिंदादिली में किसी तरह की कमी नहीं आती। ऐसा ही एक नाम है नीरजा भनोट, जिन्होंने अपनी जान कुर्बान करके इंसानियत की ऐसी मिसाल पेश की, जिनके लिए उन्हें आज भी याद रखा जाता है। नीरजा का सम्मान भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान और अमेरिका में भी किया गया था। अपनी जिंदगी गंवाकर हाईजैक हो चुके प्लेन में मौजूद लोगों की जिंदगी बचाई, जानें उनसे जुड़ी कुछ खास बातें-
एक सफल मॉडल थीं नीरजा
एयर होस्टेस बनने से पहले ही नीरजा एक टॉप की मॉडल थीं। उन्होंने कई नामी ब्रैंड्स के लिए प्रिंट और टीवी विज्ञापन किए थे। जब वह 16 साल की थीं, तब एक मैगजीन ने उन्हें स्पॉट किया। उन्होंने करीब 90 ब्रैंड्स के लिए मॉडलिंग की।
21 साल में शादी और पति की प्रताड़ना
नीरजा की शादी मात्र 21 साल की उम्र में ही हो गई थी। शादी के बाद वह अपने पति के साथ विदेश रहने चली गईं। लेकिन दहेज के लिए प्रताड़ित किए जाने की वजह से सब छोड़कर वापस आ गईं।एक न्यूज पोर्टल को दिए इंटरव्यू में नीरजा के पिता ने बताया था कि शादी के बाद नीरजा को उनके पति ने पैसे और खाने के लिए खूब तरसाया था, जिसकी वजह से 2 महीने में ही उनका वजन 5 किलो तक घट गया था।
जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले हुई थी हत्या
अपने जन्मदिन से ठीक दो दिन पहले या 5 सितंबर को नीरजा जिस प्लेन में सवार थी, उसे चार आतंकियो ने हाईजैक कर लिया था। 7 सितंबर को नीरजा 23 साल की होने वाली थी, लेकिन उसके पहले उन्होंने 360 लोगों के लिए खुद को कुर्बान कर दिया।
पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर फ्लाइट हुई हाईजैक
5 सिंतबर 1986 को यानी नीरजा के 23वें जन्मदिन से केवल 2 दिन पहले को पैन एएम की फ्लाइट 73 में सीनियर पर्सर थीं, ये फ्लाइट मुंबई से अमेरिका जा रही थी लेकिन पाकिस्तान के कराची एयरपोर्ट पर इसे 4 हथियारबंद लोगों ने हाईजैक कर लिया। इस फ्लाइट में 360 यात्री और 19 क्रू मेंबर्स थे।
बच्चों को बचाने में नीरजा को लगी गोली
प्लेन को हाईजैक करने के 17 घंटे बीतने के बाद आतंकियों ने यात्रियों की हत्या करनी शुरू कर दी। प्लेन में मौजूद 44 अमेरिकियों में से 2 की हत्या कर दी गई थी, नीरजा को आतंकियों ने उस समय गोली मारी, जब वो तीन अमेरिकी बच्चों को गोली से बचाने की कोशिश कर रही थीं।
.
पाकिस्तान और अमेरिका भी हैं नीरजा के मुरीद
भारत सरकार ने इस काम के लिए नीरजा को बहादुरी के लिए सर्वोच्च वीरता पुरस्कार ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया। नीरजा यह पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की महिला रहीं। इतना ही नहीं, नीरजा को पाकिस्तान सरकार की तरफ से ‘तमगा-ए-इंसानियत’ और अमेरिकी सरकार की तरफ से ‘जस्टिस फॉर क्राइम अवॉर्ड’ से भी नवाजा…Next
Read More :
कश्मीर के बारे में अफवाह फैलाने की वजह से ट्विटर के 8 अकांउट सस्पेंड
Read Comments