दुनियाभर के हाथियों पर संकट के बादल छाए हुए हैं। पिछले दिनों भारत में एक हथिनी की नदी में खड़े खड़े दर्दनाक मौत के बाद पशु क्रूरता के खिलाफ और हाथियों को बचाने के प्रयास तेज हो गए हैं। जबकि दुनियाभर में प्रतिबंध के बावजूद हाथियों के शिकार को रोकने में सरकारें कामयाब नहीं हो पा रही हैं। हाथी के शिकार के पीछे उसके अंगों का ताकत बढ़ाने वाली दवाओं में इस्तेमाल करना माना जाता है। जबकि कई पारंपरिक दवाएं भी बनाई जाती हैं।
हाथी अंगों की तस्करी
सबसे ज्यादा हाथियों के जीवन पर संकट अफ्रीका रीजन में हैं। द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका में हाथियों की संख्या 4 लाख के करीब है। अफ्रीकी हाथियों को उनके दांत, मांस और शरीर के अंगों की तलाश में मार दिया जाता है। तस्करी के लिए चीन सबसे बड़ा मार्केट माना जाता है। बता दें के हाथी अंगों का पारंपरिक दवाओं और ताकत बढ़ाने वाली दवाओं में इस्तेमाल करने का दावा भी किया जाता रहा है।
हर रोज मर रहे 100 हाथी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अफ्रीका में हर दिन करीब 55 से 100 हाथियों को शिकारी मार देते हैं। इसी सप्ताह इथियोपिया में शिकारियों ने 6 हाथियों को मार दिया। अफ्रीका में हाथियों के शिकार पर प्रतिबंध है। बावजूद कुछ देशों की सरकार शिकार के लिए लाइसेंस जारी करती हैं। इसमें बोत्सवाना की सरकार सबसे आगे है। अफ्रीकी देश बोत्सवाना में 130000 लाख अफ्रीकी हाथी हैं।
सरकार ने शिकार से प्रतिबंध हटाया
बोत्सवाना में हाथियों के शिकार पर 5 साल प्रतिबंध के बाद सरकार 2019 में प्रतिबंध हटा लिया और शिकार के लिए लाइसेंस जारी कर दिए हैं। जबकि, जिम्बांब्वे में पिछले साल सितंबर से अक्टूबर के बीच 200 हाथियों की मौत हो गई। उनकी मौत का कारण इलाके में पानी की कमी होना बताया गया।
नामीबिया में 50 फीसदी घटा शिकार
शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार नामीबिया के पर्यावरण मंत्रालय के प्रवक्ता रोमियो मुयुंडा ने बताया है कि देश में हाथियों के शिकार पर सख्त सजा के प्रावधान के बाद शिकार में 50 फीसदी कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि हमने हाथियों के शिकार पर पाबंदी लगाने के साथ ही निगरानी प्रक्रिया सख्त कर दी है। इसका फायदा देखने को मिला है।
भारत में सिर्फ इतने हाथी बचे
एशियाई हाथियों की संख्या 40 से 50 हजार के करीब है। इसमें से सबसे ज्यादा एशियाई हाथी भारत में पाए जाते हैं। 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत में एशियाई हाथियों की संख्या 27785 हजार से 31368 के बीच है। देश के कई प्रदेशों में इन हाथियों को संरक्षित करने के लिए अभ्यारण्य बनाए गए हैं। भारत में हाथियों का शिकार प्रतिबंधित है।…NEXT
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