पाकिस्तान के इस्लामाबाद जू मरगजर को स्थानीय कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाते हुए दुनियाभर में सुर्खियों में रहने वाले कावान नाम के हाथी को रिहा करने के आदेश दिए हैं। इस हाथी को श्रीलंका की सरकार ने 31 साल पहले तत्कालीन पाकिस्तानी जनरल जियाउल हक को उपहार में दिया था। हाथी की उचित देखभाल नहीं किए जाने का मामला कई सालों से विश्व मीडिया में छाया हुआ था।
हाथी की देखभाल को लेकर कोर्ट पहुंचा मामला
अमेरिकी पॉप आइकन चेर ने कावान नाम के इस हाथी की उचित देखभाल नहीं किए जाने पर कोर्ट में याचिका दायर की थी कि उसे तत्काल रिहा किया जाए। याचिका में बताया गया था हाथी को रहने के लिए सही तरीके से चिड़ियाघर में बाड़ा तक नहीं दिया गया है और उसको भोजन और इलाज भी ठीक से नहीं मिल पा रहा है।
हाथी के सपोर्ट में आईं अमेरिकी पॉप आइकन
अलजजीरा की रिपोर्ट के अनुसार पॉप आइकन ने हाथी को रहने के लिए सही जगह उपलब्ध कराने और पाकिस्तान में उसकी हालत को लेकर पूरी दुनिया में कैंपेन चलाया। उनके कैंपेन के कारण यह एशियाई हाथी पूरे विश्व के एनीमल लवर्स की नजरों में छा गया। कई साल तक कानूनी लड़ाई के बाद कोर्ट ने इस्लामाबाद चिड़ियाघर को हाथी को रिहा करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट के फैसले के बाद पॉप सिंगर चेर ने सोशल मीडिया पर खुशी जताते हुए शुक्रिया कहा है।
कोर्ट ने चिड़ियाघर को दिया आदेश
इस्लामाबाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि चिड़ियाघर प्रशासन श्रीलंका वाइल्डलाइफ के अधिकारियों से बात करके हाथी के लिए 30 दिन के अंदर सही सैंक्चुरी खोज ले। ताकि हाथी जहां से लाया गया था वहां उसे सही जगह मिल सके। कोर्ट ने चिड़ियाघर प्रशासन को हाथी की जरूरतें पूरी नहीं करने और उसे अमानवीय तरीके से रखने पर कड़ी फटकार भी लगाई।
देखभाल सही नहीं करने पर लगाई फटकार
रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने अपने आदेश में आगे कहा कि चिड़ियाघर प्रशासन जानवरों के रहने लायक स्थितियां बना ले। तब तक शेर, भालू, हिरन, चिड़ियों समेत अन्य जानवरों को कहीं दूसरी जगह शिफ्ट करे। कावान हाथी का केस लड़ रहे वकील अवैस अवान ने कहा कि यह केस काफी महत्वपूर्ण इसलिए था क्योंकि यह पाकिस्तान में इकलौता एशियाई हाथी है।
एक साल की उम्र में पाकिस्तान आया था हाथी
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार कावान हाथी को श्रीलंका की सरकार ने 31 साल पहले तत्कालीन पाकिस्तानी जनरल जियाउल हक को बतौर उपहार दिया था। तब इस हाथी की उम्र महज एक साल थी। पाकिस्तान आकर कावान हाथी को पार्टनर के तौर पर 1990 में बांग्लादेश से लाई गई हथिनी मिली। लेकिन, 2012 में हथिनी की मौत के बाद से कावान हाथी अकेला था।…NEXT
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