कोरोना वायरस निचले तबके के लोगों की जिंदगी पर ग्रहण बन गया है। महामारी के चलते देश में लगभग ढाई महीने से लागू लॉकडाउन के कारण रेलवे स्टेशनों पर काम करने वाले कुलियों की हालत खराब हो गई है। कमाई नहीं मिलने से मांगकर गुजारा करना पड़ रहा है।
मुसीबत में रेल स्टेशन पर काम करने वाले कुली
एक जून से लागू हुए लॉकडाउन के पांचवें चरण में कई नियमों में ढील के साथ रेल सेवा बहाल कर दी गई है। एक जून से 200 अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। जबकि अभी तक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को मजदूरों के लिए चलाया जा रहा था। रेल यातायात ठप होने से सामान ढोने का काम करने वाले कुलियों की जिंदगी मुश्किल में फंसी हुई है।
एक जून को ट्रेन चली पर काम नहीं मिला
एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार एक जून को रेल यातायात का संचालन शुरू किया गया तो कुलियों को स्टेशनों पर सामान ढोने के लिए भी छूट दे दी गई। तकरीबन ढाई महीने घर पर खाली हाथ बैठने वाले कुली काम मिलने की खुशी में स्टेशनों पर पहुंचे, लेकिन उन्हें काम नहीं मिलने से निराश होना पड़ा।
12 साल की नौकरी में अब खाली हाथ
रिपोर्ट के अनुसार एक जून को लुधियाना रेलवे स्टेशन पर काम के लिए पहुंचे कुलियों ने बताया कि उन्हें काम नहीं मिल सका है। कुलियों ने बताया कि वह 11-12 साल से काम कर रहे हैं और आज ढाई महीने बाद फिर से काम पर लौटे। स्टेशन पर सुबह 7 बजे तक 54 कुली आए थे पर काम न मिलने की वजह से वो घर चले गए।
खाना मांगकर हो रहा गुजारा और कर्जा चढ़ा
कुलियों ने बताया कि काम की उम्मीद से स्टेशन पहुंचे थे लेकिन नाउम्मीदी हाथ लगी। कुलियों ने बताया कि इतने दिनों में लोगों से मांगकर भी खाया। अब तो सिर पर कर्जा भी हो गया है। आज आस लेकर आए थे कि कुछ काम मिलेगा पर नहीं मिला। संभव है कि ये हालत सिर्फ लुधियाना के कुलियों की ही है या फिर देश के अन्य स्टेशनों के कुली भी इसी तरह की मुसीबतों का सामना कर रहे हैं।…NEXT
Read more:
दौड़ते समय टूटा पैर फिर भी 8 घंटे रेंगकर पहुंचा रेसर, डॉक्टरों ने बचा ली जान
एक करोड़ किसानों को बर्बाद कर पाकिस्तान पहुंचे लाखों टिड्डे, जहां जाते हैं कोहराम मचाते हैं
विश्व के 13 फीसदी लोग क्यों मौत के मुहाने पर हैं और 34 करोड़ बच्चों की जिंदगी कैसे खतरे में है
टीपू सुल्तान ने ऐसा क्या किया जो कहलाए फॉदर ऑफ रॉकेट, जानिए कैसे अंग्रेजों के उखाड़ दिए पैर
Read Comments