Menu
blogid : 26149 postid : 1706

ये हैं इतिहास के सबसे दौलतमंद नवाब, किसी के पास था 4 अरब का पेपरवेट तो किसी के पास 14000 नौकर

हमारे इतिहास में ऐसी कई कहानियां प्रचलित है, जिसे सुनकर उस दौर के लोगों और उनके तौर-तरीकों के बारे में अंदाजा लगाया जा सकता है जैसे, राजा-महाराजों के बारे में हमेशा उनके आलीशान महल या विशाल सेना के बारे में पढ़ने को मिलता हैं। वहीं, इतिहास में लिखी हुई कुछ कहानियां ऐसी है, जिसे सुनकर किसी को भी हैरानी हो सकती है। आज हम आपको इतिहास में दर्ज ऐसे नवाबों के बारे में बताएंगे, जिनका नाम उनकी शानो-शौकत और दौलतमंद होने के लिए दर्ज है। वहीं, उनके मंहगे शौक सुनकर किसी को भी हैरानी हो सकती है। आइए, एक नजर उन दिलचस्प कहानियों पर-

Pratima Jaiswal
Pratima Jaiswal24 Jul, 2019

 

निज़ाम मीर ओस्मान अली खान

हैदराबाद के निज़ाम मीर साहब Forbes of all time wealthiest 2008 के अनुसार आज तक के पाँचवे सबसे बड़े दौलतमंद माने जाते हैं, वहीँ बिल गेट्स को 20वें नंबर पर रखा गया था। 1930 से 1940 तक 136 अरब की सम्पति के साथ निज़ाम साहब उस समय के दुनिया के सबसे बड़े दौलतमंद  थे, जो  4 अरब की कीमत के 185 कैरेट के हीरे को एक पेपर वेट के रूप में प्रयॊग करते थे।

 

Nizam, Mir Osman Ali Khan

 

नवाब मुहम्मद महाबत खानजी III रसूल खानजी

यह जूनागढ़ के अंतिम नवाब माने जाते हैं, जो जानवरों के प्रति ख़ास लगाव के लिए विश्व-प्रसिद्ध  थे। उन्होंने अपने जीवन में 300 कुत्तों को पाला और उनमे से कुछ प्रिय कुत्तों के लिए जन्मदिन और शादी के विशाल समारोह का आयोजन भी किया। दूसरी तरफ जंगली जानवरो के प्रति स्नेह दर्शाते हुए उनके अस्तित्व को बनाये रखने में अहम भूमिका निभाई।

 

 

nawab

नवाब मीर उस्मान अली खान

विश्व के तमाम नबावों की अपेक्षा सबसे अधिक कर्मचारियों इनके साथ कार्यरत थे। 1967 मे इनकी मृत्यु के समय 14,718 नौकर इनके यहाँ काम करते थे, जिनमे से 3000 केवल महल की सुरक्षा के लिए रखे गए थे, 28 को सिर्फ पानी पिलाने का काम दिया हुआ था और अनेक कर्मचारी सिर्फ पान बनाने के लिए सुपारी तोड़ने का काम करते थे।

 

OsmanAliKhan

 

नवाब मुहम्मद याहिया मिर्ज़ा असफ-उद दौला

1738 में ब्रिटिश शासन के तहत याहिया मिर्ज़ा को अवध का नवाब घोषित किया गया. एक बार इनके राज्य में जब अकाल की स्थिति उत्पन्न हुई, तो लोगों को रोजगार देने के उद्देश्य से इन्होंने पर्यटक स्थल ‘बड़ा इमामबाड़ा’ का निर्माण शुरू करा दिया ताकि लोग भूखे न मरे। इन्होंने 20,000 लोगों को इसके काम में लगाया और उनको विश्वास दिलाया कि जब तक अकाल की स्थिति खत्म नहीं होगी इसका निर्माण कार्य चलता रहेगा।

Asaf-ud-Daulah

नवाब वाजिद अली शाह

भारतीय नृत्य कथक को प्रसिद्ध बनाने में नवाब वाजिद अली का बहुत बड़ा योगदान है। नृत्य और काव्य के लिए इनके प्यार और जूनून ने लखनऊ को एक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित  किया, जिसके प्रभाव से लखनऊ दुनिया भर के लोगों के लिए एक पर्यटक स्थल बन गया…Next

 

 

Read More:

17 करोड़ का खाना, 166 करोड़ का हार और 365 रानियां, ये है भारत का अमीर राजा

दुनिया की सबसे महंगी कार से भारतीय राजा ने उठवाया कचरा, लिया अपने अपमान का बदला

वैज्ञानिकों के लिए रहस्य है इस राजा की मौत, एक्स-रे के लिए तीन बार निकाला गया कब्र से

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh