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दौड़ते समय टूटा पैर फिर भी 8 घंटे रेंगकर पहुंचा रेसर, डॉक्‍टरों ने बचा ली जान

रेस के दौरान चोटिल हुए रेसर को मदद हासिल करने के लिए 8 घंटे तक रेंगना पड़ा। दरअसल, एडवेंचर का शौकीन रेसर नदी के किनारे पहाड़ी रास्‍ते पर दौड़ने गया था। वह दौड़ते हुए शहर से दूर दुर्गम पहाड़ी रास्‍ते पर पहुंच गया। इस बीच दौड़ते समय उसका पैर टूट गया। मदद के लिए कोई मौजूद नहीं होने पर उसने रेंगना शुरू कर दिया।

Rizwan Noor Khan
Rizwan Noor Khan30 May, 2020

 

 

 

 

ओलंपिक नेशनल पार्क से दौड़
अमेरिका के वाशिंगटन में रहने वाले जोसेफ ओल्‍डेनडोर्फ पेशे से धावक/रेसर हैं। सीएनएन के मुताबिक वह वाशिंगटन के ओलंपिक नेशनल पार्क में दौड़ने गए थे। दौड़ते हुए जोसेफ डकबश नदी के किनारे पहाड़ी रास्‍ते पर पहुंच गए। एडवेंचर के शौकीन जोसेफ को पता ही नहीं चला कि वह कब शहर से कई किलोमीटर दूर पहुंच गए हैं।

 

 

 

 

पत्‍थर से टकराया धावक
पहाड़ी रास्‍ते पर दौड़ते हुए अचानक पत्‍थर से टकराकर जोसेफ गिर गए। जब जोसेफ ने उठने का प्रयास किया तो उन्‍हें पता चला कि पैर की एड़ी की हड्डी टूट चुकी है। भीषण दर्द की वजह से जोसेफ उठ भी नहीं पा रहे थे। सीएनएन के मुताबिक उस वक्‍त पर जोसेफ शहर से बहुत दूर पहाड़ी और जंगली इलाके में थे।

 

 

 

ठंड ने जकड़ा फिर भी हार नहीं मानी
काफी प्रयास के बाद भी जोसेफ खड़े नहीं हो पाए तो ठंड ने उन्‍हें जकड़ना शुरू किया। सीएनएन को जोसेफ ने बताया कि उन्‍हें पता था कि वह किस इलाके में दौड़ने जा रहे हैं। वहां पर मोबाइल में सिग्‍नल तक नहीं थे। उनका शरीर ठंड के कारण जमता जा रहा था। खुद को बचाने के लिए उन्‍होंने हाथ और घुटने के सहारे रेंगना शुरू कर दिया।

 

 

 

 

 

छोटे बच्‍चे की तरह रेंगना शुरू किया
जोसेफ के मुताबिक वह एक छोटे बच्‍चे की तरह चल रहे थे और रेंग रहे थे। जमा देने वाली बर्फ में रेंगते रेंगते शाम से रात हो गई और फिर सुबह भी। उन्‍हें लग रहा था कि कोई उनकी मदद के लिए नहीं आ पाएगा और वह बर्फ से जमकर मर जाएंगे। जोसेफ के मुताबिक चोट लगे उन्‍हें 8 घंटे से भी ज्‍यादा वक्‍त हो चुका था और वह करीब इतने ही घंटों से लगातार रेंगकर शहर की तरफ बढ़ रहे थे।

 

 

 

 

रेंगते रेंगते अगला दिन शुरू
सुबह के बाद जब सूरज चढ़ने लगा तो उन्‍हें महसूस हो गया कि वह बच नहीं पाएंगे। इस बीच अचानक उनके मोबाइल से मैसेज के नोटीफिकेशन की आवाज आई। इस पर उन्‍होंने तुरंत मोबाइल खोला तो उसमें सिग्‍नल आ रहे थे। उन्‍होंने तुरंत मेडिकल टीम को सहायता के लिए फोन किया और अपनी हालत बताई। मेडिकल टीम ने दोपहर करीब एक बजे उन्‍हें रेस्‍क्‍यू कर अस्‍पताल पहुंचा दिया।…NEXT

 

 

 

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