कहते हैं दुआओं में बहुत असर होता है। जो काम दवा नहीं कर सकती, वो कभी-कभी दुआ कर जाती है। असल में दुआ एक सकरात्मक भाव जगाती है और इससे ऊर्जा का ऐसा संचार होता है। कोई दुआ से ठीक हो जाए, तो इसे तो चमत्कार ही कहा जा सकता है। कुछ ऐसे ही चमत्कार के लिए मदर टेरेसा को दुनिया भर में जाना जाता है। मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त 1910 को स्कॉप्जे में हुआ था। मदर टेरेसा कैथोलिक नन थी। उन्होंने गरीबों और बीमारी से पीड़ित रोगियों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। मदर टेरेसा दुनिया के लिए शांति की दूत थीं। उन्हें साल 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।
इन दो चमत्कारों की वजह से मदर टेरेसा को मिली ‘संत’ की उपाधि
वेटिकन चर्च के मुताबिक ‘संत’ की उपाधि के लिए दो चमत्कार करने जरूरी होते हैं। किसी भी कैंडिडेट के लिए चर्च उसके मरने के 5 साल बाद चमत्कार की तलाश करता है। पर मदर टेरेसा के केस में इस नियम को तोड़ दिया गया। मदर टेरेसा के दो चमत्कार माने गए-
2. 2008 में ब्राज़ील के एक आदमी ने कहा कि मदर टेरेसा के चलते उसके कई ट्यूमर ठीक हो गए।
‘मिस वर्ल्ड कॉन्टेस्ट’ में मदर टेरेसा से जुड़े इस सवाल का जवाब देकर प्रियंका बनीं विजेता
विश्व सुंदरी का खिताब जीत प्रियंका ने पूरे देश का नाम रोशन किया था। इस उपलब्धि ने प्रियंका को पूरी दुनिया में पहचान दिलाई थी लेकिन इस इवेंट में प्रियंका से सवाल पूछा गया था। आप किसे सबसे कामयाब लिविंग वुमेन मानती हैं और क्यों?
इस सवाल के जवाब में प्रियंका ने कहा था कि ‘ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनकी मैं तारीफ करती हूं और जिन्होंने मुझे काफी प्रभावित किया है। ऐसी ही एक महिला हैं मदर टेरेसा, जिन्हें मैं दिल से मानती हूं। वो भावुक, उत्साही और मानवीय हैं, जिन्होंने अपनी जिंदगी लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए लगा दी। हालांकि, प्रियंका चोपड़ा का ये जवाब चर्चा में आ गया था क्योंकि सवाल ये था कि आप किसे कामयाब लिविंग वुमेन मानती हैं यानी वो कामयाब महिला, जो अब भी जिंदा है लेकिन प्रियंका चोपड़ा ने मदर टेरेसा का नाम लिया। प्रियंका ने ये खिताब साल 2000 में जीता था और मदर टेरेसा की 1997 में मौत हो गई थी।…Next
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